राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद पवित्र शहर में आने वाले तीर्थयात्रियों को बढ़िया आवास प्रदान करने के लिए अयोध्या में एक टेंट सिटी बनाई जाएगी। ब्रह्म कुंड गुरुद्वारे के पास परिक्रमा मार्ग के साथ मंदिर परिसर के करीब 3.70 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थापित होने के लिए, टेंट सिटी में कम से कम 200 टेंट होंगे, जिनमें से हर एक का क्षेत्रफल 250 वर्ग फुट होगा।
नवंबर तक बन कर तैयार हो सकती है टेंट सिटी
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने इसके लिए अनुभवी एजेंसियों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नवंबर तक टेंट सिटी का काम पूरा होने की उम्मीद है। राम मंदिर अगले साल जनवरी में तीर्थयात्रियों के लिए खुलने की उम्मीद है, ऐसे में विकास प्राधिकरण को पर्यटकों के लिए गुणवत्ता वाले कमरों की संख्या में तेजी से वृद्धि करने की आवश्यकता है।
2 या 3 स्टार होटलों के बराबर होंगी सेवाएं
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, टेंट सिटी में दो या तीन स्टार होटलों के बराबर सेवाएं दी जाएंगी। सिंह ने कहा कि टेंट लगाते समय कोई स्थायी ढांचा स्थापित नहीं होगा और किसी भी तरह की कमियों और पर्यावरणीय खतरे की संभावना को दूर करने के लिए प्राधिकरण ऑपरेटर की सीवरेज उपचार और अपशिष्ट जल उपचार योजनाओं की अग्रिम रूप से मांग करेगा।
अयोध्या में अभी केवल 17 होटल
सिंह ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 15,000 वर्ग मीटर के खाली जमीन की पहचान की गई है। अधिकारियों ने बताया कि टेंट सिटी से मंदिर परिसर तक पैदल जाने में 15 से 20 मिनट का समय लगेगा। स्थानीय प्रशासन द्वारा तैयार किए गए अनुमानों के अनुसार, अयोध्या में वर्तमान में 17 होटल हैं जिनके पास करीब 600 कमरों की व्यवस्था है। त्योहार के दिनों और लंबे वीकेंड्स में शहर को 5,000 से अधिक कमरों की आवश्यकता होगी।
प्रयागराज और वाराणसी में भी टेंट सिटी
इससे पहले, प्रयागराज और वाराणसी में नदियों के किनारे टेंट सिटी स्थापित की गई हैं, ताकि गुणवत्तापूर्ण ठहरने के विकल्प की तलाश करने वाले मेहमानों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। लखनऊ में भी, फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले एक टेंट सिटी स्थापित की गई थी और यह विजिटर्स के बीच बेहद लोकप्रिय रही।
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