समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जूता फेंकने की घटना सामने आई। इस बाबत दिनेश प्रसाद मौर्या ने कहा कि जूता फेंकने वाला शख्स एक भाजपा कार्यकर्ता है। वह यादव समुदाय से है लेकिन एक भाजपा कार्यकर्ता है। ऐसे लोग कानून और शासन के लिए कलंक है। यही कारण है कि राज्य की कानून व्यवस्था जर्जर है। उन्होंने कहा, "जाति जनगणना कोई नई बात नहीं है, लेकिन आज, सरकार पिछड़ों के वोट तो चाहती है लेकिन उन्हें आरक्षण नहीं देना चाहती। इसलिए, वे जाति जनगणना की सुविधा नहीं दे रहे हैं।'
जूता फेंकने पर क्या बोले स्वामी प्रसाद
उन्होंने कहा कि हम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान का स्वागत करते हैं। अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बीजेपी जाति जनगणना की सुविधा नहीं देती है, तो सपा जब भी सत्ता में आएगी, ऐसा करेगी। गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्या ओबीसी महासम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान उनपर एक शख्स ने जूता फेंक दिया। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थकों ने आरोपी को पकड़ लिया और पिटाई शुरू कर दी। वहां मौजूद पुलिस ने आकर बीच बचाव किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया।
दारा सिंह चौहान पर फेंकी गई स्याही
जानकारी के अनुसार, आरोपी सभास्थल पर वकील के रूप में आया था। यह कार्यक्रम लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हो रहा था। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जैसे ही स्वामी प्रसाद पहुंचे, वैसे ही आरोपी ने जूता फेंके की कोशिश की। इसके बाद उनके समर्थकों ने आरोपी को पकड़कर पिटाई शुरू कर दी। बता दें कि इससे पहले मऊ में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दारा सिंह चौहान पर स्याही फेंकने का मामला भी सामने आया था।