हाथरस भगदड़ मामले में सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा बुधवार को एक बार फिर से मीडिया के सामने आए। समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा ने कहा कि 2 जुलाई को सत्संग में हुई भगदड़ से वह बहुत दुखी और उदास हूं। लेकिन जो होना तय है उसे कौन रोक सकता है। जो भी आया है उसे एक न एक दिन जाना ही होगा।
सूरजपाल ने भी जताई साजिश की आशंका
सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा ने कहा कि हमारे वकील और हमें प्रत्यक्षदर्शियों ने विषैले स्प्रे के बारे में बताया। वह पूर्णतया सत्य है। इसमें कोई ना कोई साजिश थी। सनातन को कुछ लोग बदनाम करने में लगे हुए हैं। हमको SIT और न्यायिक आयोग पर पूरा भरोसा है कि वह दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए इसके पीछे की साजिश करने वालों को बेनकाब करेगी।
सूरजपाल ने पेपर पर लिखे बयान को पढ़ा
पेपर पर लिखे बयान को पढ़ते हुए सूरजपाल ने कहा कि हमने वकील एपी सिंह के माध्यम से कमेटी के सदस्यों से विनती की थी कि घटना में मारे गए लोगों के परिजनों और इलाजरत घायलों की मदद की जाए। हमें उम्मीद है लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीड़ित परिजनों की मदद करेंगे। सूरजपाल जब मीडिया को बयान दे रहा था तब उसकी पत्नी भी वहां मौजूद थीं।
कासगंज के पटियाली आश्रम पहुंचे सूरजपाल
हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ की घटना के बाद सुर्खियों में आये स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा बुधवार को कासगंज के पटियाली स्थित अपने आश्रम पहुंचे। भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कासगंज में संवाददाताओं से कहा वह (भोले बाबा) अपने आश्रम पहुंच गए हैं और यहीं रहेंगे। वह यहां आश्रम से ही आए हैं। वह कभी किसी के घर, होटल या किसी दूसरे देश में नहीं गए। उन्होंने कहा कि कासगंज बाबा की जन्मस्थली है और वह आखिरी बार 2023 में एक दिन के लिए यहां आए थे और इससे पहले वे 2013 में यहां आए थे।
भगदड़ में हुई थी 121 लोगों की मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में दो जुलाई को स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गयी थी। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक आयोग का गठन किया है। भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था। एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया।
एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया और दावा किया गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने इस आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को उचित जानकारी देने में विफल रहे।
इनपुट- पीटीआई