सुल्तानपुर के 'विक्रांत वर्मा' ब्लाइंड मर्डर केस से कोतवाली देहात पुलिस और क्राइम ब्रांच ने सनसनीखेज खुलास किया है। 9 लाख रुपये कर्ज से बचने और प्रेमिका को पाने के लिए उसने सीएचसी में तैनात चालक की हत्या कर उसकी लाश को जला डाला था। इसे उसने स्वयं की हत्या को दर्शाया और फिर फरार हो गया। लेकिन 25वें दिन पुलिस ने उसे खोज निकाला और अब पुलिस उसे जेल भेजने की कार्रवाई में जुटी है।
बैंक लोन का दबाव होने के कारण छुपाई अपनी पहचान
सीओ लम्भुआ अब्दुस सलाम ने जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली देहात के दुबेपुर में 16 जनवरी को फार्म हाउस के पास पूर्णतया जली हुई तथाकथित मृतक विक्रांत वर्मा की लाश मिली थी। इस संबंध में एसपी के आदेश पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। एसएचओ कोतवाली देहात श्याम सुंदर इस मामले की विवेचना कर रहे थे। विवेचना के दौरान पाया गया कि तथाकथित मृतक विक्रांत वर्मा पुत्र रमेश कुमार वर्मा निवासी ग्राम दूबेपुर पहले से अपने व्यवसायिक कार्यों में करीब 9 लाख रुपये के घाटे में था।
विक्रांत ने बैंक से लोन का दबाव होने के कारण अपनी पहचान छुपाई। फिर अपने अन्य सहयोगी शक्तिमान पुत्र वीरेश कुमार और अनुज साहू पुत्र राजू साहू के साथ मिलकर सीएचसी दूबेपुर में संविदा पर तैनात चालक द्वारिकानाथ शुक्ला पुत्र जंगबहादुर शुक्ला को अमहट शराब ठेके पर ले जाकर शराब पिलाई और इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
पेट्रोल डालकर जलाया ड्राइवर का शव
विक्रांत ने उसका शव को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया जिससे कि पहचान न हो सके और अपने साथियों के साथ हरियाण के पानीपत भाग गया। आरोपी ने अपनी प्रेमिका गीता मिश्रा (काल्पनिक नाम) के साथ घटना के बाद से लगातार दूसरे फोन नंबर से बात करना शुरू कर दिया। इसके बाद सर्विलांस टीम का सहयोग लिया गया। पुलिस पानीपत पहुंची और वहां से तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इसके लिए पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है।
(रिपोर्ट- जागृति श्रीवास्तव)
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