ऑनलाइन गेम की लत कितनी खतरनाक साबित हो सकती है ये उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में देखने को मिला। यहां जिले के विशुनपुरा थाने में बीए प्रथम में पढ़ने वाले एक छात्र ने खुद के अपहरण की साजिश रच डाली। इसके बाद छात्र ने अपने ही परिजनों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर फिरौती भी मांगी। हालंकि, आखिर में छात्र पकड़ा गया। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
क्या है पूरा मामला?
विशुनपुरा थाने के कीरत पट्टी गांव का छात्र बैंक से रुपये निकालने के लिए गया था। शाम तक वापस न आने के बाद जब छात्र को फोन किया गया तो उसने थोड़ी देर से आने की बात कही। हालांकि, कुछ देर बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। अगली सुबह सात बजे उसकी चाची के व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि हम लोग लड़के का अपहरण कर लिए हैं। लड़के को चाहते हैं तो 50 हजार रुपये 48 घंटे के अंदर लेकर आइए। सिर्फ 48 घंटा। अगर पुलिस को बताए तो लड़के के जान से हाथ धोना पड़ेगा। 48 घंटे से अधिक देर हुई तो एक प्यारे से बेटे से हाथ धोना पड़ेगा। उसने पैसे कुस्मही के जंगलों में भेजने को कहा।
पुलिस ने बिहार से किया बरामद
छात्र के दादा की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद स्वाट टीम से लेकर कई थानों की पुलिस हरकत में आ गई और छात्र की तलाश शुरू कर दी। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने युवक का लोकेशन लिया तो उसका लोकेशन बिहार में मिला , पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पुलिस ने छात्र को सकुशल बिहार राज्य के गोपालगंज के थावे मंदिर से बरामद कर लिया। हालांकि, जब छात्र ने अपरहण की पूरी कहानी बताई तो पुलिस भी हैरान रह गई।
क्यों रची साजिश?
जब छात्र को थावे मंदिर से बरामद कर लिया गया तो उसने पुलिस को बताया कि उसका अपरहण किसी ने नहीं किया था। बल्कि उसने खुद यह साजिश रची थी। ऑनलाइन गेमिंग की लत के शिकार छात्र ने बैंक से निकाले गए 50 हजार रुपये को पचाने के लिए यह प्लान बनाया था। वह ऑनलाइन गेम के चक्कर में ये रकम हार गया था। मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने लोगों से ऑनलाइन गेमिंग से अपने बच्चों को दूर रखने के लिए अपील की है। (रिपोर्ट: उदय सिंह)
ये भी पढ़ें- पार्टी पर हक के लिए चुनाव आयोग के समक्ष पेश हुए शरद पवार, वकील बोले- काल्पनिक अधिकार जता रहे अजित