बरेली: सीबी गंज थाना क्षेत्र के बंदिया गांव में मंगलवार को तीन साल की बच्ची को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला. डॉक्टरों के मुताबिक उसके शरीर पर कुत्ते के काटने के कम से कम 200 निशान थे। मजदूर अवधेश गंगवार की बेटी परी चार बहनों और एक भाई में सबसे छोटी थी। मंगलवार की शाम वह घर के आंगन में खेल रही थी और उसकी बड़ी बहन सुनीता खाना बना रही थी। परी जल्द ही खेलने के लिए एक मैदान की ओर चली गई जब लगभग सात-आठ भूखे कुत्तों ने उस पर झपट्टा मारा। स्थानीय लोगों के मुताबिक, एक युवक ने मदद के लिए उसकी चीख पुकार सुनी और उसे बचाने के लिए दौड़ा। परी को उनके चंगुल से छुड़ाने पर उसे भी कुत्तों ने काट लिया था। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक बच्ची परी के चाचा जितेंद्र कुमार ने कहा, "वह घर से बहुत दूर चली गई और परिवार में कोई भी मदद के लिए उसकी चीख नहीं सुन सका। यहां तक कि कुत्तों ने उसे लगभग 50 मीटर तक घसीटा और पूरे शरीर पर 200 बार काटा, खासकर उसकी गर्दन पर गहरी चोटें मिली हैं।
भूखे रहने की वजह से कुत्ते हो गए हैं हिंसक
सीबी गंज के एसएचओ अशोक कुमार ने कहा, 'हमने घटना की पुष्टि के लिए एक टीम गांव में भेजी है। परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए शव देने से इनकार कर दिया और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उसे दफना दिया। नगर निगम को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है और आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। एक स्थानीय जोगेंद्र कुमार ने बताया, 'इलाके में कुछ अवैध बूचड़खाने चल रहे थे और आवारा कुत्ते बूचड़खाने के कचरे को चरते रहते थे। लेकिन अब ऐसी इकाइयों को बंद कर दिया गया है और ये आवारा कुत्ते भूखे रहने के कारण हिंसक हो गए हैं।
कई बच्चों को कुत्तों ने बनाया शिकार
स्थानीय लोग इन जानवरों को रोज खाना खिलाने की स्थिति में नहीं हैं। आवारा कुत्तों के खतरे के संबंध में लोगों ने नगर निकाय को कई बार लिखा है, लेकिन उनका अभियान आमतौर पर कुछ कुत्तों को पकड़ने के बाद समाप्त हो जाता है। हाल के दिनों में गांव में कुत्तों के काटने के 15 मामले सामने आए हैं। सीबी गंज के बंदिया गांव में इस तरह की यह तीसरी घटना है। 27 अप्रैल 2021 को गांव में 10 वर्षीय मोरपाल और जुलाई 2020 में सात वर्षीय बच्ची रोहिणी को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला था। इसके अलावा, पिछले साल 15 मार्च को रामपुर में एक सात साल के बच्चे को आवारा पशुओं ने मार डाला था, जबकि दिसंबर 2021 में पीलीभीत में एक आठ साल की बच्ची को मार डाला था।
ऐसी ही एक घटना हाल ही में हैदराबाद में हुई थी जिसमें एक हाउसिंग सोसाइटी में चार साल के एक बच्चे को कुत्तों ने मार डाला था। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आाया थी जिसमें कुत्ते बच्चे को नोच रहे हैं और बच्चे को खींच कर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।