मथुरा: राधा रानी पर दिए बयान के बाद विवादों में आए कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शनिवार की दोपहर बरसाना पहुंचे। यहां वह 5 मिनट तक बरसाना में रहे। इस दौरान उन्होंने राधा-रानी से दंडवत प्रणाम किया और माफी भी मांगी। इसके बाद वह मंदिर से बाहर निकले। मंदिर से बाहर निकलने के बाद उन्होंने हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन भी किया। वहीं बता दें कि सुरक्षा को देखते हुए श्रीजी मंदिर के पास फोर्स तैनात की गई धी। बता दें कि हाल ही राधा रानी को लेकर दिए गए एक बयान के बाद से कथावाचक प्रदीप मिश्रा को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था।
कथावाचक ने दंडवत होकर मांगी माफी
मंदिर से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सभी ब्रजवासियों को बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने कहा, 'राधा-रानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं। मैं ब्रजवासियों के प्रेम की वजह से यहां आया हूं। लाडली जी ने खुद ही इशारा कर मुझे यहां बुलाया, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा। मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची, तो उसके लिए माफी मांगता हूं। मैं ब्रजवासियों के चरणों में दंडवत प्रणाम कर माफी मांगता हूं। मैंने लाडली जी और बरसाना सरकार से क्षमा चाहता हूं। सभी से निवेदन है कि किसी के लिए कोई अपशब्द न कहें। राधे-राधे कहें, महादेव कहें। मैं सभी महंत, धर्माचार्य और आचार्य से माफी मांगता हूं।'
क्या था विवाद
दरअसल, प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। कथावाचक पंंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं। (इनपुट- मोहन श्याम शर्मा)
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