संभल में हुई हिंसा में अबतक कई लोगों की मौत हो चुकी है। संभल में हिंसा के बाद से धारा 163 को लागू कर दिया गया है और किसी भी बाहरी व्यक्ति के संभल जिले में आने पर पाबंदी है। इस बीच समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर यानी आज संभल जिले के दौरे पर जाने वाला है और वहां पीड़ितों से यह प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने पर रोक लगा दी गई है और लखनऊ में पुलिस का कड़ा पहरा है। सपा नेता और प्रतिनिधिमंडल में शामिल माता प्रसाद पांडेय के घर के बार भी पुलिस का कड़ा पहरा है। समाजवादी पार्टी के नेताओं को संभल जाने से रोके जाने को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।'
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल
बता दें कि समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में सपा नेता माता प्रसाद पांडेय, लाल बिहार यादव, श्याम लाल पाल, हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, नीरय मौर्य, कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव, अली अंसारी, जयवीर सिंह यादव और शिवचरण कश्यप शामिल हैं। सपा का प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर यानी शनिवार को संभल जाएगा और संभल में हुई हिंसा की विस्तृत जानकारी लेकर अखिलेश यादव को सौंपेगा। सरकार द्वारा संभल जाने से रोके जाने पर माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सरकार अगर मीडिया वहां जा सकती है तो हम वहां क्यों नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम पीड़ितों से मिलने के लिए संभल जाना चाह रहे हैं। सच सबके सामने आ जाएगा, इसलिए सरकार डर रही है और वहां जाने से हमें रोक रही है।