उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक मास्टर साहब चर्चा का विषय बने हुए हैं। मास्टर जी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह नश में धुत नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में खंड विकास अधिकारी मास्टर जी से पूछताछ करते नजर आ रहे हैं। शराब पीने की वजह बताते हुए मास्टर जी कहते हैं कि उन्हें दर्द बहुत था तो उन्होंने 100 ग्राम शराब पी ली थी। हालांकि, बात करने के लहजे से ही वह नशे में धुत लग रहे थे। बीडीओ के साथ उनकी बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा है।
सीतापुर में एलिया के खंड विकास अधिकारी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें हेड मास्टर ही नशे में धुत मिल गए। बीडीओ ने शराब पीकर स्कूल आने की वजह पूछी तो बताया कि उनके सिर में बहुत ज्यादा दर्द था। इसलिए उन्होंने 100 ग्राम शराब पी ली। ऐसे में बीडीओ ने कहा कि अगर तबीयत सही नहीं थी तो उन्हें छुट्टी लेकर घर पर आराम करना चाहिए था। उनके नशे की हालत में स्कूल आने से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हलूवापुर प्राथमिक विद्यालय का मामला
खंड विकास अधिकारी के साथ बातचीत के दौरान हेड मास्टर ने कहा कि वह इससे पहले कभी भी नशे की हालत में स्कूल नहीं आए हैं और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगे। हालांकि, बीडीओ ने हेड मास्टर की जांच रिपोर्ट बीएसए को भेज दी है। मामला एलिया क्षेत्र के हलूवापुर प्राथमिक विद्यालय का है।
देश में नया नहीं है शराबी शिक्षकों का मामला
देश में शिक्षकों के शराब पीने का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मामले सामने आए थे। इसके बाद जशपुर जिले में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को यह घोषणा पत्र जमा करने का निर्देश दिया था कि वे ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन नहीं करेंगे। 19 सितंबर को बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल परिसर में उसके क्वार्टर से नशे की हालत में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी राजेश झा के रूप में हुई है। बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी शराब के नशे में धुत मिल रहे हैं।
(सीतापुर से मोहित मिश्र की रिपोर्ट)