मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर में इस साल का जन्माष्टमी समारोह सफल चंद्रयान-3 मिशन के लिए इसरो वैज्ञानिकों को समर्पित होगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा, "आईएसओपी अध्यक्ष एस. सोमनाथ के प्रयासों को बताने के लिए उस अस्थायी निवास का नाम 'सोमनाथ पुष्प बंगला' रखा गया है, जहां भगवान 7 सितंबर की मध्यरात्रि को विराजमान होंगे।"
ISRO वैज्ञानिकों को समर्पित जन्माष्टमी उत्सव
उन्होंने कहा, “कृष्ण की मूर्ति की विशेष पोशाक का नाम प्रज्ञान रोवर के नाम पर 'प्रज्ञान प्रभास' रखा गया है। बंगाल और दिल्ली के डिजाइनर विशेष पोशाक को अंतिम रूप दे रहे हैं। मंदिर प्रबंधन निकाय के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा, ''चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गया है। इतनी बड़ी उपलब्धि पर देश का प्रत्येक नागरिक वैज्ञानिकों की दृढ़ता, त्याग और कड़ी मेहनत की सराहना करता है।”
चंद्रवंशी भगवान कृष्ण की 5,250वीं जयंती के एक विशेष और भव्य उत्सव में, प्रज्ञान रोवर की एक विशेष कलाकृति पवित्र भागवत भवन में, देवता की सीट के सामने रखी जाएगी। 23 अगस्त को, जिस दिन लैंडर मॉड्यूल प्रज्ञान ने लैंडिंग की, उसकी सफलता के लिए मथुरा के प्रमुख मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं की गईं थीं।
जन्माष्टमी का कार्यक्रम-
- कान्हा के जन्मोत्सव मंदिर में 7 सितंबर को सुबह 5:30 बजे से भगवान की मंगला आरती के साथ शुरू होगा।
- इसके बाद, सुबह 8:00 बजे ठाकुर जी का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया जाएगा, साथ ही मंत्रोचरण के साथ पुष्पर्चान किया जाएगा।
- सुबह 10:00 बजे, भागवत भवन में श्री राधाकृष्ण युगल सरकार के चरणों में मंगलारती और वेदमंत्रों के साथ पुष्पांजलि दी जाएगी।
- जन्माष्टमी के दौरान होने वाला मुख्य जन्म अभिषेक का कार्यक्रम 7 सितंबर को रात्रि 11:00 बजे से श्री गणेश- नवग्रह के पूजन से आरंभ होगा।
- साथ ही, 1008 कमल पुष्पों से सहस्त्रार्चन करते हुए ठाकुर जी का आह्वान किया जाएगा।
- रात 12:00 बजे, भगवान के प्राकट्य के साथ सम्पूर्ण मंदिर परिसर में ढोल नगड़ों के साथ भगवान के जन्मोत्सव की धूम पूरे ब्रज में दिखाई देगी।
- जन्म के साथ ही भगवान की जन्म आरती भी शुरू हो जाएगी, जो रात 12:05 तक चलेगी।
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