वाराणसी: सावन का महीना और बाबा भोलेनाथ के भक्तों का द्वादश ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ में जलाभिषेक के लिए उमड़ने वाला जनसैलाब किसी से अछूता नहीं है। काशी एक तरफ जहां पूरे सावन मास में केसरिया रंग में रंग जाता है वहीं, यहां आने वाले भक्तों की भीड़ के कारण जलाभिषेक के लिए लोगों को समय तक घंटों इंतजार भी करना पड़ता है। भीड़ ज्यादा होने के कारण काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते पर वाहनों के संचालन पर रोक लगी रहती है तो वहीं जनमानस को शहर के एक हिस्सा से दूसरे हिस्से में जाने के लिए शहर के दूसरे रास्तो से पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है। इन सभी गंभीर समस्याओं से निजात दिलाने के लिए काशी में जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और स्मार्ट सिटी ने मिलकर बड़ा मास्टर प्लान बनाते हुए सड़को के रास्ते मंदिर और दूसरे छोर पर पहुचाने के लिए पहली बार गंगा के रास्ते भी श्री काशी विश्वनाथ धाम और अस्सी घाट तक जाने के लिए वाटर टैक्सी चलाने का फैसला लिया है।
इस सेवा की शुरुआत होने के बाद अब भक्त जहां बड़ी संख्या में कॉरिडोर के गंगा द्वार से मंदिर पहुंच सकेंगे तो वहीं, शहरवासी भी इस सुविधा का लाभ उठाते हुए राजघाट से अस्सी और आगे का सफर तय करने के लिए गंगा की लहरों में दौड़ने वाली वॉटर टैक्सी के सहारे गंतव्य तक जा सकेंगे। इस सुविधा की शुरुआत करने के पहले कल देर शाम वाराणसी के कमिश्नर और DM ने नगर निगम और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ इस टैक्सी के ट्रायल रन में हिस्सा लिया। शुरुआत में पहले 40 से 50 लोगों की क्षमता वाली 2 वॉटर टैक्सी इस रूट पर चलाईं जाएगी, आगे जरुरत के मुताबिक इसकी संख्या बढ़ा दी जाएगी।
कमिश्नर और DM ने ट्रायल टेस्ट में जानी हकीकत
जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी को अपनी कर्म भूमि माना है तब से अब तक रोजाना नए-नए परिवर्तन काशी में देखने को मिले है। इन्हीं परिवर्तन की कड़ी में अब काशी आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा काशीवासियों के ट्रैफिक समस्या को ध्याम में रखते हुए वॉटर टैक्सी की शुरुआत की जा रही है। अब तक गंगा में चार क्रूज और कई छोटे-बड़े नावों का संचालन होता रहा है लेकिन इस सभी में बनारस घूमने आने वाले लोग ही सवार होते रहते हैं। स्मार्ट सिटी से जुड़े हुए और वॉटर टैक्सी टीम के प्रभारी अनुपम त्रिपाठी ने बताया कि इसकी शुरुआत होने पर न सिर्फ बनारस घूमने आने वाले सैलानियों को राहत होगी बल्कि बड़े पैमाने पर गंगा के रास्ते शहर के उत्तरी हिस्से से दक्षिणी हिस्से में जाने वाले वाले आम जनमानस को भी बड़ी राहत मिलेगी।
वहीं, वॉटर टैक्सी के संचालन के पहले कमिश्नर कौशल राज शर्मा और डीएम एस राजलिंगम में राजघाट से अस्सी तक ट्रायल रन में वाटर टैक्सी का सफर तय किया। वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम ने इंडिया टीवी डिजिटल से फोन पर बात करते हुए बताया कि वाराणसी में कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को रोजाना आना होता है जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या आए दिन देखने को मिलती है। इस समस्या से निजात पाने में वॉटर टैक्सी बड़ी भूमिका अदा करने जा रही है। हालांकि एक वॉटर टैक्सी में 70 से 80 लोगों के सफर तय करने की क्षमता है लेकिन फिलहाल शुरुआत में इसमे 40 से 50 लोग सवार होकर अपने गंतव्य तक जा सकेंगे। इन सभी के लिए बैठने और धूप के अलावा बारिश के बचने के पूरे प्रबंध किए गए हैं।
पहली बार गंगा के रास्ते काशी विश्वनाथ धाम के लिए चलाई जाएगी वॉटर टैक्सी
8 मार्च 2019 को पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथधाम के भव्य स्वरूप की कल्पना कर इसकी आधार शिला रखी। दो वर्षों में 900 करोड़ की लागत से 5 लाख स्क्वायर फिट में बनकर तैयार होने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन भी 13 दिसम्बर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। जब से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ है भक्तों की संख्या हजारों से लाखों और फिर लाखों से करोड़ो में बदल गई है। मन्दिर के सीईओ सुनील वर्मा के मुताबिक लोकार्पण से लेकर दिसम्बर 2022 तक के आंकड़े के देखा जाए तो 7.35 करोड़ भक्त मंदिर में दर्शन पूजन के लिए आ चुके है। जिसमें ज्यादातर भक्त सड़क मार्ग से ही मंदिर आते हैं। सिर्फ कुछ बड़े वीआईपी और अस्सी या नमो घाट (राजघाट) से नाव बुककर आने वाले भक्त ही गंगा द्वार से मन्दिर परिसर में प्रवेश करते रहे हैं लेकिन जब वॉटर टैक्सी की शुरुआत हो जाएगी तो सावन में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा द्वार मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। गंगा द्वार से आने वाले भक्त गर्भगृह के पूर्वी द्वार से जलाभिषेक कर पाएंगे।
सावन में होगी शुरुआत, फेयर जानकर हो जाएंगे हैरान
सावन के महीने में वॉटर वॉटर टैक्सी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी गई है। परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने कहा कि हालांकि अभी वॉटर टैक्सी की शुरुआत सावन की किस तारीख से होगी इसका निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन इस बार के सावन माह में इस सेवा की शुरुआत कर दी जाएगी। पहले चरण में 2 वॉटर टैक्सी नमो घाट (राजघाट) से अस्सी के बीच चलाई जाएगी जिसके कुल 4 स्टॉपेज भी बनाए गए हैं- वाया राजघाट से काशी विश्वनाथधाम द्वार (ललिता घाट) वाया दशाश्वमेध घाट वाया अस्सी घाट। उन्होंने बताया, इस वॉटर टैक्सी का किराया 15 रुपये प्रति किलोमीटर तय किया गया है यानी राजघाट से अस्सी घाट कुल 12 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए करीब 180 रुपये देने होंगे। अभी फिलहाल यह सभी टैक्सी डीजल पर आधारित है लेकिन जल्दी ही इसे सीएनजी से तब्दील कर दिया जाएगा।
(वाराणसी से अश्विनी त्रिपाठी की रिपोर्ट)