Wednesday, December 17, 2025
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यूपी में सपा इस नेता को बना सकती है नेता प्रतिपक्ष, शिवपाल यादव को मौका मिलने की उम्मीद कम!

यूपी में 29 जुलाई से विधानमंडल सत्र शुरू हो रहा है। इसलिए सपा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पर जल्द फैसला ले सकती है। अखिलेश यादव अभी तक सदन में नेता प्रतिपक्ष थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज सीट से सांसद चुने गए हैं। साथ ही उन्होंने करहल से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jul 23, 2024 04:42 pm IST, Updated : Jul 23, 2024 04:50 pm IST
चाचा शिवपाल और रामगोपाल के साथ अखिलेश यादव- India TV Hindi
Image Source : FILE-PTI चाचा शिवपाल और रामगोपाल के साथ अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष तय करने के बाद जल्द ही विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करेगी। इसके लिए भी पार्टी पीडीए का फॉर्मूला लागू करेगी। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि सपा ने विधान परिषद में जिस प्रकार से पिछड़े वर्ग के यादव बिरादरी को आगे लाया है। अब विधानसभा में दलित वर्ग से आने वाले किसी को नेता प्रतिपक्ष का बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो इस पद के लिए अब सपा के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत सरोज का नाम सबसे आगे है। वह पासी बिरादरी से आते हैं। सरोज के अलावा ओबीसी वर्ग से राम अचल राजभर का नाम भी चर्चा में है। 

शिवपाल यादव को मौका मिलने की उम्मीद कम

वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का नाम भी चर्चा में बताया जा रहा है। सपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि विधान परिषद में लाल बिहारी यादव के नेता प्रतिपक्ष बनने से अब शायद किसी दूसरे यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने की गुंजाइश कम ही बची है।

सपा अपनाएगी पीडीए का फार्मूला

विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चयन में सपा पीडीए के फार्मूले के तहत ही किसी और को जिम्मेदारी देगी। सपा के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने बताया कि हमारी राजनीति का मुख्य आयाम पीडीए ही है। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक और आधी आबादी है। यही हमारी जीत का मंत्र है। चाहे विधान परिषद हो या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, इसी को वरीयता दी जाएगी। सपा ने 2022 का विधानसभा हो या 2024 का लोकसभा चुनाव, पार्टी ने सबसे ज्यादा पीडीए को ही प्रतिनिधित्व दिया है।

29 जुलाई से पहले सपा ले सकती है फैसला

बता दें कि 29 जुलाई से विधानमंडल सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पर जल्द फैसला होगा। अखिलेश यादव अभी तक सदन में नेता प्रतिपक्ष थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज सीट से सांसद चुने गए हैं। साथ ही उन्होंने करहल से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। उधर लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद यह पहला सत्र है। इन चुनावों में सपा को 37 सीटें मिली हैं। इसका असर सदन में देखने को मिल सकता है। विपक्ष हमलावर नजर आ सकता है।

इनपुट- IANS

 

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