लखनऊः वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी के रूप में पुलिसकर्मियों की तैनाती पर विवाद शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंदिर में पुजारी के रूप में पुलिसकर्मियों की तैनाती का आदेश देने वाले अधिकारी के निलंबन की मांग करते हुए इस कृत्य की निंदा की। वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देश पर मंदिर में धोती कुर्ता पहने माथे पर त्रिपुंड लगाये पुरुष पुलिसकर्मी और सलवार कमीज में महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
अखिलेश यादव ने उठाया सवाल
सपा प्रमुख यादव ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''पुजारी के वस्त्रों में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? अखिलेश यादव ने कहा, '' इस तरह का आदेश देने वालों को निलंबित किया जाए। कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस कृत्य को 'निंदनीय' करार दिया। अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में 35 सेकेंड के एक समाचार वीडियो एक क्लिप भी साझा किया है, जिसमें पुलिसकर्मी भगवा वस्त्र में व्यवस्था संभालते नजर आ रहे हैं।
वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने जारी किया था आदेश
वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया था कि चूंकि दूर-दराज से दर्शन के लिए आने वाले लोग पुजारियों के प्रति सम्मान रखते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में ड्यूटी अन्य जगहों से अलग है क्योंकि यहां पुलिस को विभिन्न प्रकार की भीड़ का प्रबंधन करना पड़ता है। अग्रवाल ने बताया था, "पुलिसकर्मियों द्वारा धक्का दिए जाने पर भक्तों को चोट लगती है, अगर यही बात पुजारी करते हैं तो वे इसे सकारात्मक तरीके से लेते हैं।
'नो टच पॉलिसी' का पालन करते हुए, पुजारियों की पोशाक में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। पुलिस आयुक्त ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं की सुविधा और सहयोग के लिए पुजारी के वस्त्रों में पुलिसकर्मियों की तैनाती करने का आदेश दिया था और बुधवार से इसकी शुरुआत भी कर दी गयी।
इनपुट-भाषा