समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रवि वर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि मैंने लगभग 25 साल तक समाजवादी पार्टी के लिए काम किया है। पिछले कुछ सालों में पार्टी में नए लोग शामिल होने लगे जो सीधे अखिलेश यादव से मिले और उन्हें पार्टी में पद दे दिया गया। लेकिन उन लोगों ने कभी ग्रामीण इलाकों में चुनावी रणनीति पर काम नहीं किया। इस बीच ठेकेदारों और भ्रष्ट अधिकारियों का सिंडिकेट बनना शुरू हो गया। पार्टी में किसी के पास जनता के लिए काम करने का समय नहीं था।
क्यों रवि कुमार वर्मा ने दिया इस्तीफा
अपने इस्तीफा पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में शामिल हुए नए पार्टी सदस्य अखिलेश यादव के पास जाकर रातों-रात करोड़पति बनना चाहते थे। जब हालात बिगड़ने लगे तो मैंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मैं कल यानी 6 नवंबर को कांग्रेस में शामिल होऊंगा। मैं अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच तुलना नहीं करूंगा लेकिन लोगों को राहुल गांधी का अनुसरण करना चाहिए और उसे आदर्श मानना चाहिए।
कांग्रेस में होंगे शामिल
बता दें कि लखीमपुर खीरी के गोला के रहने वाले रवि प्रकाश वर्मा सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उनके माता-पिता समेत उनका परिवार खीरी लोकसभा क्षेत्र का 10 बार प्रतिनिधित्व कर चुका है। 2019 में सपा ने महागठबंधन के तहत लोकसभा का पहला टिकट उनकी बेटी पूर्वी वर्मा को दिया था, हालांकि वह चुनाव हार गई थीं। राजनीतिक जानकर बताते हैं कि रवि प्रकाश की पहचान दिग्गज कुर्मी नेताओं में होती है। उनके कांग्रेस के पाले में आने से खीरी ही नहीं बल्कि धौरहरा, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बाराबंकी आदि लोकसभा क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा।