उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी। इस बाबत अखिलेश यादव ने कहा कि नेता सदन ने किसी के पिता के बारे में अगर सदन में कहा तो स्वभाविक है कि दूसरी भी पिता पर कहेगा। यह परंपरा हमें छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसी शिक्षा नेताजी (मुलायम सिंह) यादव) ने हमें नहीं दी है। गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच गरमा-गरमी में बहस तू तड़ाक तक पहुंच जाती है।
परंपराओं का करना होगा पालन
अखिलेश यादव ने इस मामले पर कहा कि अगर आप परंपराओं के आधार पर चलना चाहते हैं तो आपको परंपरा का पालन करना होगा। आपने कई रीति- रिवाज का पालन नहीं किया है। इस दौरान अखिलेश यादव ने जातिगण जनगणना पर बोलते हुए कहा कि बगैर जातिगत जनगणना के सबका विकास और सबका साथ संभव ही नहीं है। गौरतलब है कि बीते दिनों सदन में योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को लेकर कहा था कि जो इंसान अपने पिता का सम्मान नहीं कर सकता उससे सम्मान की अपेक्षा क्या करें।
रामचरितमानस पर बोले अखिलेश
अखिलेश यादव ने बजट पर हो रही चर्चा के दौरान रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा कि मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था बल्कि ये पूछा था कि शुद्र क्या है। जब कोई घर से गया तो क्या गंगाजल से घर धोया जाता है। क्या नेता बताएंगे कि शुद्र गलत है। उन्होंने कहा कि हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कह कि ये लोग कहते हैं कि लैपटॉप आवंटन, एक्सप्रेसवे निर्माण में घोटाला हुआ अगर ऐसा था तो सपा द्वारा तैयार कराए गए एक्सप्रेस-वे पर इन्होंने हकुलिस क्यों उतारा था।
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