प्रयागराजः समाजवादी पार्टी के फूलपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया। यह सीट कांग्रेस सपा से मांग रही थी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान से अखिलेश यादव की इस संबंध में बात भी हुई थी। तभी से यह उम्मीद जताई जा रही थी कि सपा यह सीट कांग्रेस को दे सकती है लेकिन सपा उम्मीदवार के नामांकन के बाद अटकलों पर लगभग विराम लग गया है।
मुजतबा सिद्दीकी बोले- पार्टी हाई कमान से कोई संदेश नहीं मिला
नामांकन फाइल करने के बाद सपा उम्मीदवार मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी ने कहा है कि पार्टी हाई कमान से उन्हें कोई संदेश नहीं मिला है। उन्होंने नामांकन के बाद अपनी जीत का दावा भी किया। उन्होंने कहा कि वह इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में उपचुनाव लड़ेंगे। गठबंधन के दलों का भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। मुजतबा सिद्दीकी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट पर सपा को 18 हजार वोटों की बढ़त मिली थी। इसलिए उपचुनाव में उनकी जीत का अंतर और बढ़ेगा।
सपा के कई बड़े नेता नामांकन में रहे मौजूद
सपा प्रत्याशी मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी के नामांकन में सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज, विधायक संदीप पटेल, विधायक गीता पासी विधायक, विधायक विजमा यादव, एमएलसी मानसिंह यादव समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। दरअसल, कांग्रेस ने मझवां और फूलपुर विधानसभा सीट पर अपना दावा ठोका था लेकिन सपा के बड़े नेताओं की मौजूदगी से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि सपा किसी भी हालत में फूलपुर सीट नहीं छोड़ने जा रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने की थी अखिलेश यादव से फोन पर बात
कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के सामने गाजियाबाद और खैर या दोनों में से किसी एक सीट के साथ फूलपुर सीट की नई मांग रखी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने सपा मुखिया अखिकेश यादव को फूलपुर की मांग से अवगत करा दिया है। सपा प्रमुख कांग्रेस की मांग मानेंगे या नहीं, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। सपा के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीट बंटवारे के गतिरोध को खत्म करने के लिए मंगलवार को सपा प्रमुख से टेलीफोन पर बातचीत की थी।
सपा सात उम्मीदवारों के नाम कर चुकी है ऐलान
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और उसकी सहयोगी समाजवादी पार्टी के बीच तनाव बरकरार है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का मानना है कि समाजवादी पार्टी द्वारा दी गई सिर्फ दो सीटों पर लड़ने से बेहतर होगा कि वह मुकाबले से बाहर हो जाए। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को केवल दो सीटें, गाजियाबाद और खैर, की पेशकश की है, जबकि पुरानी पार्टी ने पांच सीटों की मांग की थी। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी पहले ही सात उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।