17वीं लोकसभा का कार्यकाल इसी साल 16 जून को पूरा होने वाला है। उससे पहले ही लोकसभा के लिए पूरे देश में चुनाव कराए जाएंगे। इस चुनाव में भाजपा को हराने के लिए उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक साथ आने को तैयार हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो एक हफ्ते के अंदर दोनों पार्टियां अपने गठबंधन का ऐलान कर सकती हैं।
कांग्रेस को यूपी में कितनी सीटें मिलेंगी?
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। इन सीटों पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों ही मिलकर चुनाव लड़ेंगी। सूत्रो के हवाले से खबर मिल रही है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस को 15-16 सीटें दे सकती है। इन सीटों में कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली और अमेठी भी शामिल है। इसके अलावा कानपुर, झांसी, जालौन और फतेहपुर की सीटों पर भी सहमति लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। मगर यह उम्मीद जताई जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर दोनों अपने गठबंधन और सीटों की सहमति की घोषणा कर सकते हैं।
पहले सपा ने 11 सीटों का दिया था ऑफर
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 11 लोकसभी सीटें दी थी। इसकी जानकारी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) पर ट्वीट के जरिए दी थी। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा था, 'कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।'
अखिलेश यादव के इस फैसले को कांग्रेस ने अनौपचारिक बताया था। इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि, 'उत्तर प्रदेश में सीट के बंटवांरे को लेकर अभी बातचीत चल रही है। अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए जो जानकारी दी है वो अभी औपचारिक नहीं है। अभी इस विषय पर अशोक गहलोत और अखिलेश यादव बातचीत करेंगे। जब फैसला हो जाएगा, उसके बाद ही हम कह पाएंगे कि क्या फॉर्मूला तय हुआ है।'
खैर अभी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अपने सीटों के बंटवांरे को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मगर सूत्रों की मानें तो एक सप्ताह में दोनों पार्टियां इसकी घोषणा कर सकती हैं।
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