रामपुर: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान से संबंधित दो मामलों में आज रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया। एक मुकदमे में आजम खान को झटका लगा तो दूसरे मुकदमे में आजम खान को बड़ी राहत भी मिली। बता दें कि पड़ोसी से मारपीट मामले में आज एमपी एमएलए सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आजम खान और अब्दुल्ला आजम, शरीफ खान और बिलाल खान को बरी कर दिया है। वहीं अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा को हुई 7 साल की सजा के खिलाफ की गई अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
पड़ोसी से जुड़ा विवाद
यहां बता दें कि साल 2013 में यूपी की समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान आजम खान के पड़ोसी मोहम्मद अहमद के मकान और दुकानों को तोड़ने का प्रयास किया गया था। इस मामले में जब विवाद बढ़ा तो पीड़ित पक्ष कोर्ट पहुंचा। वहीं आजम खान के पीड़ित पड़ोसी ने आरोप लगाए थे कि कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद आजम खान के इशारे पर उनके भाई और भतीजे ने उन्हें रास्ते में घेरकर उसके साथ मारपीट की थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर आजम खान, उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खान, बेटे और भतीजे के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इसी मामले में कोर्ट ने आज चारों को बरी कर दिया है।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामला
इसके अलावा दूसरे मामले की बात करें तो बीते अक्टूबर में रामपुर की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के पांच साल पुराने मामले में दोषी ठहराया था। इसके साथ ही तीनों को 07 साल की सजा सुनाई थी। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में ये सजा सुनाई थी। 03 जनवरी 2019 को रामपुर के गंज पुलिस थाने में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं।
(रामपुर से आमिर की रिपोर्ट)
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