रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहली रामनवमी को लेकर विशेष उत्साह है। गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और डीजीपी प्रशांत कुमार ने अयोध्या पहुंचकर तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। इससे पहले दोनों अधिकारियों ने मंदिर परिसर का भ्रमण कर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बैठक में राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए। बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन, ठहरने, पेयजल, मेडिकल सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए गए।
इस साल 17 अप्रैल को रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी मेला 9 दिनों का होता है। मुख्य पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामजन्मोत्सव में रूप में मनाया जाता है। उत्सव की शुरुआत चैत्र नवरात्रि के आरंभ के साथ हो जाएगी जिसके बाद 9 दिनों तक अयोध्या में अनुष्ठानों की धूम रहेगी।
50 लाख श्रद्धालु आ सकते हैं अयोध्या
लंबे इंतजार और संघर्षों के बाद जब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं तो राम भक्तों की श्रद्धा साफ देखी जा सकती है। लगभग 2 लाख भक्त औसतन रोज दर्शन कर रहे हैं । कभी-कभी यह संख्या 4 से 5 लाख तक पहुंच जाती है। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम दिनों में जब इतने श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं तो रामनवमी में कितनी बड़ी संख्या राम भक्तों की आमद अयोध्या में होगी।
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि श्रीरामनवमी के पर्व पर लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। 17 अप्रैल को भव्य और दिव्य मंदिर में पहली रामनवमी मनाई जाएगी। मुख्य सचिव व डीजीपी ने क्राउड मैनेजमेंट के लिए कई दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
CM योगी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर की बैठक
आईजी ने कहा कि सभी निर्देशों का पालन कराया जाएगा। गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों के साथ राम नवमी मेले में देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर बैठक की थी। मुख्यमंत्री की बैठक में दिए गए निर्देशों का पालन कराने के लिए दोनों अधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए।