अयोध्या के राम मंदिर में सोने के अक्षरों से लिखी रामायण की स्थापना मंगलवार को नवरात्र के पहले दिन कर दी गई है। एक पूर्व आईएएस अधिकारी और उनकी धर्मपत्नी ने श्रीराम जन्मभूमि स्थित श्रीरामलला को स्वर्ण रचित रामायण समर्पित किया है। ताम्रपत्र पर उकेरे सोने के अक्षरों वाली इस रामायण को श्रीरामलला के पास गर्भगृह में रखा गया है।
श्रद्धालुओं ने दर्शन करना किया शुरू
श्रीरामलला को मिलने वाले इस अनुपम उपहार को दर्शानार्थियों ने नवरात्र के पहले दिन से ही दर्शन करना भी शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणन और उनकी पत्नी सरस्वती ने काफी दिनों से श्रीरामलला को स्वर्णाक्षरों वाले रामायण को अर्पित करने का मन बनाया था। इनके संकल्प ने जल्दी ही इसे साकार रूप भी दिया। इन्होंने 25 ताम्रपत्रों पर सोने के अक्षरों से रामायण लिखवा डाली।
दंपति ने इस रामायण को किया भेंट
दंपति ने कई बार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के लोगों से संपर्क साधा। बात नहीं बनते देख इन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय से संपर्क किया और बात बन गई। इन्होंने न्यास के महामंत्री से ताम्रपत्र पर लिखी रामायण को नवरात्र के प्रथम दिन गर्भगृह में पहुंचवाने और श्रीरामलला के चरणों में समर्पित करने का आग्रह भी किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
रामनवमी पर 20 घंटे दर्शन की सुविधा
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर में रामनवमी के मौके पर 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा दी गई है। ये व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी। अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर रामनवमी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। रामलला के सुबह, दोपहर और रात में राग भोग व श्रृंगार में लगभग 4 घंटे लगते हैं। इसके अलावा 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन, जूता-चप्पल, सामान रखकर मंदिर आने की सलाह दी है। (IANS)
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