अयोध्या में इस बार रामनवमी खास होने जा रही है। राम मंदिर बनने के बाद इस पहली रामनवमी में रामलला का जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाने की तैयारी की जा रही है। रामनवमी के मौके पर राम मंदिर में भगवान राम के मस्तक पर सूर्य तिलक की तैयारी चल रही है। रुड़की के वैज्ञानिक दिन रात इस काम में लगे हैं।
रामनवमी के मौके पर सूर्य तिलक
500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान राम गर्भगृह में विराजमान हैं। राम मंदिर का गर्भगृह ऐसे बनाया गया है कि रामनवमी के दिन रामलला के मस्तिष्क पर सूर्य की किरणें पड़े। राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार हो चुका है, फर्स्ट फ्लोर बन रहा है और शिखर का काम अभी बाकी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि जब मंदिर पूरा हो जाएगा, शिखर बन जाएगा, तब शिखर पर एक डिवाइस लगाकर हर रामनवमी पर भगवान राम का सूर्य तिलक होगा, लेकिन इसके लिए भक्तों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर रखी गई है डिवाइस
उन्होंने आगे कहा, इसलिए कोशिश की जा रही है कि इस रामनवमी पर सूर्य तिलक हो जाए। अभी शिखर बना नहीं है, मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर ये डिवाइस रखी गई है और रामनवमी पर भगवान राम की मूर्ति के मस्तिष्क पर दोपहर 12 बजे सूर्य तिलक कराने की तैयारी चल रही है। रुड़की के वैज्ञानिक इस काम में लगे हैं। ट्रस्ट का कहना है कि अभी ट्रायल चल रहा है और उम्मीद है कि रामनवमी पर भगवान राम का सूर्य तिलक हो जाएगा।
रामनवमी के मौके पर 20 घंटे दर्शन की सुविधा
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर में रामनवमी के मौके पर 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा मिलेगी। ये व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी। अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर रामनवमी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। रामलला के सुबह, दोपहर और रात में राग भोग व श्रृंगार में लगभग 4 घंटे लगते हैं। इसके अलावा 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी।
श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन, जूता-चप्पल, सामान रखकर मंदिर आने की सलाह दी है। श्रद्धालुओं के राम जन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक 50 स्थानों पर पीने की पानी की व्यवस्था की जाएगी। जूट का कारपेट बिछेगा। छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं। प्रसाद के साथ-साथ ओआरएस घोल भी श्रद्धालुओं को दिया जाएगा, जिससे गर्मी में उन्हें एनर्जी मिलती रहे। रामनवमी के मौके पर 15 से 18 अप्रैल तक पास की व्यवस्था निरस्त रहेगी।
ये भी पढ़ें-