अयोध्या: देशभर में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से जश्न का माहौल है। पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद जनता को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। ये क्षण अलौकिक है और ये समय दर्शाता है कि प्रभु राम का आशीर्वाद हमारे साथ है। 22 जनवरी केवल एक तारीख नहीं है बल्कि नए कालचक्र का उद्गम है। निर्माण कार्य देखकर देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें राम का मंदिर मिला है।
कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम इस पल को जी रहे हैं: पीएम
पीएम ने कहा कि ये कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम इस पल को जी रहे हैं। साक्षात घटित होते देख रहे हैं। आज सब कुछ दिव्यता से परिपूर्ण है। ये सामान्य समय नहीं है, ये काल के चक्र पर सर्वकालिक अमिट रेखाएं हैं। जहां राम का काम होता है, वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए मैं राम भक्त हनुमान और हनुमानगढ़ी को भी प्रणाम करता हूं। मैं माता जनकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, सरयू नदी और पावन अयोध्या को प्रणाम करता हूं।
मैं भगवान राम से क्षमा मांगता हूं: पीएम
पीएम ने कहा कि मैं दैवीय अनुभव महसूस कर रहा हूं। मैं इन दिव्य चेतनाओं को नमन करता हूं। मैं प्रभु श्रीराम से आज क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ और हमारे त्याग तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी, जो हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि कितना कुछ कहने को है। लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है। चित अभी भी उस कल में लीन है।
भारत के संविधान में प्रभु श्री राम: पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि भारत के संविधान में प्रभु श्री राम हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के दशकों बाद प्रभु श्रीराम के अस्तित्व की लड़ाई चलती रही।
भारतीय न्यायपालिका को धन्यवाद, उसने न्याय की लाज रखी: पीएम
पीएम ने कहा कि मैं भारतीय न्यायपालिका का धन्यवाद करता हूं कि उसने न्याय की न्यायबद्ध तरीके से लाज रख ली। राम मंदिर इसी न्याय से मिला। पूरा देश आज दिवाली मना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से राम सेतु अरिचल मुनाई पर था। जैसे उस समय कालचक्र बदला था, वैसे ही एक बार फिर कालचक्र बदलेगा।
राम भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं: पीएम
पीएम ने कहा कि प्रभु राम भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो एकत्व की अनुभूति होगी। इससे अधिक देश को समायोजित करने वाला सूत्र और क्या हो सकता है। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। अलग अलग युगों में लोगों ने अपनी अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। प्राचीन काल से लोग राम रस का आचमन करते रहे हैं। राम के आदर्श, मूल्य और शिक्षाएं हर जगह एक समान है।
ये विजय का नहीं बल्कि विनय का भी मौका, मंदिर आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे: पीएम
पीएम ने कहा कि आज का ये मौका उत्सव के साथ भारतीय समाज की परिपक्वता का भी बोध है। ये विजय का नहीं बल्कि विनय का भी मौका है। हमारा भविष्य सुंदर होने जा रहा है। एक समय था कि जब लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत को नहीं जान पाएंगे। राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की शांति और समन्वय का प्रतीक है। ये निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम आग नहीं हैं बल्कि ऊर्जा हैं। राम वर्तमान ही नहीं बल्कि अनंतकाल हैं। राम समस्या नहीं, समाधान हैं।
ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर: पीएम
पीएम ने कहा कि जैसा उत्सव भारत में है, वैसा ही विदेशों में भी है। ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि, दर्शन और दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। ये भारत की आस्था है, आधार है, विचार है, प्रतिष्ठा है, प्रताप है, प्रभाव है, नेति भी है नीति भी है, नित्यता भी है और निरंतरता भी है। राम व्यापक है, विश्व है और विश्मात्मा है। इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों तक होता है।
पीएम बोले- श्रीराम का मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या?
पीएम ने कहा कि श्रीराम का मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या? आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी शिल्पी के रूप में चुना गया है। मैं कहता हूं कि यही समय है और सही समय है। हमें आज से इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हमें भारत के निर्माण की सौगंध लेनी है।
पीएम ने कहा कि हमें अपने अंत:करण को विस्तार देना होगा। हर भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण के भाव भारत का आधार बनेगा। यही तो है राम से राष्ट्रीय चेतना का विस्तार। पीएम ने कहा कि आज देश में निराशा की कोई जगह नहीं है। मैं छोटा हूं, अगर ये कोई सोचता है तो उसे गिलहरी को याद कर लेना चाहिए। छोटे प्रयासों में बड़ी सफलता छिपी होती है।
रावण ज्ञानी था लेकिन जटायु उससे भिड़ गए: पीएम
पीएम ने कहा कि रावण ज्ञानी था, बलवान था, लेकिन जटायु उससे भिड़ गए थे। जटायु को पता था कि वो जीत नहीं पाएंगे, लेकिन फिर भी वह रावण से भिड़ गए थे। हमें संकल्प लेना है कि हम राष्ट्र निर्माण के लिए अपने जीवन का पल-पल लगा देंगे।
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