अयोध्या: अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर का प्रथम तल लगभग बनकर तैयार है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी 2024 में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। इसके साथ ही इसे आम भक्तों के लिए भी खोल दिया जाएगा। मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने इंडिया टीवी बातचीत में मंदिर के निर्माणकार्य से जुड़ी कई बातें साझा की हैं।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर में 42 दरवाजे लगाए जाएंगे। यह दरवाजे महाराष्ट्र से मंगाई गई टीक की लकड़ी से बन रहे हैं। लेकिन मंदिर के गर्भग्रह में सोने का दरवाज़ा लगाया जाएगा। इसके साथ ही अन्य दरवाजों पर नक्काशी करके मोर,कलश,चक्र और फूल उकेरे जाएंगे लेकिन गर्भग्रह की चमक अलग होगी। गर्भग्रह की दीवारों और फर्श पर मकराना का सफेद मार्बल लगेगा जिसमे इनले वर्क होगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गर्भग्रह में भगवान राम के बालरूप की दो मूर्तिया लगेंगी। एक मूर्ति चल होगी जबकि दूसरी मूर्ति अचल होगी। अभी अस्थाई राममंदिर जो में रामलला की भाइयों के साथ जी बैठी अवस्था में मूर्ति है वह चल मूर्ति होगी, इसी मूर्ति की पूजा होगी। वहीं दूसरी अचल मूर्ति होगी, इस मूर्ति के भक्त दर्शन करेंगे। ये मूर्ति अभी तैयार हो रही है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में तीन मूर्तिया बनाई जा रही हैं। इन तीन मूर्तियों में से एक गर्भग्रह में लगेगी। इस मूर्ति को पूरी अयोध्या में भृमण कराया जाएगा।
मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि राम मंदिर में सोने के दरवाज़े के अलावा राजस्थान के बंसी पहाड़पुर का सैंडस्टोन लगाया जा रहा है। इसके अलावा मकराना का मार्वल,तेलंगाना का ग्रेनाइट, महाराष्ट्र का टीक का इस्तेमाल हो रहा है और मंदिर में लगाने के लिए चंडीगढ़ में स्पेशल ईंट भी बनवाई गई है।