Tuesday, November 05, 2024
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महराजगंज में छठ घाटों पर सजी बेदियां, वीडियो में देखें छठ की अद्भुत छटा

महराजगंज जिले में छठ की तैयारियों जोर शोर से चल रही हैं। यहां के छठ घाटों पर बेदियां सजा दी गई हैं। साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं प्रशासन द्वारा चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है।

Edited By: Amar Deep
Updated on: November 17, 2023 14:08 IST
महराजगंज में छठ घाटों पर सजी बेदियां।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV महराजगंज में छठ घाटों पर सजी बेदियां।

महराजगंज: छठ पूजा वैसे तो मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। लेकिन अब इसकी ग्लोबल पहचान बन चुकी है। आस्था के इस महापर्व में व्रतियों द्वारा उगते और डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाती है। बता दें कि दीपावली के छठें दिन पड़ने वाले इस छठ महापर्व की तैयारियां अब महराजगंज जिले में भी तेज हो गई हैं। बिहार और पूर्वांचल में धूमधाम से मनाए जाने वाले छठ महापर्व को लेकर महराजगंज जिले में जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। स्थानीय लोगों द्वारा घुघली नगर के बैकुंठी घाट पर छठ माता की बेदी को तैयार कर अलग-अलग कलर में सजाया गया है। छठ पर्व को लेकर घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। साथ ही पुलिस फोर्स और मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई है।

नहाय खाय से होती है छठ की शुरुआत

बता दें कि छठ महापर्व को महिलाएं अपने पुत्र और पति की लम्बी आयु के लिए रखती हैं। छठ महापर्व चार दिनों का होता है। इस व्रत में महिलाएं 36 घंटे तक कठिन निर्जला उपवास रखती हैं। कार्तिक माह के चतुर्थी वाले दिन नहाय खाय के साथ छठ के पहले दिन की शुरुआत होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद छठ पूजा का समापन होता है। आखिरी में महिलाएं व्रत का पारण करती हैं। छठ के दिन नाक से माथे तक सिंदूर लगा कर घाट पर महिलाएं बैठती हैं। इस दौरान उनके दउरे में केवल फल नहीं बल्कि समूची प्रकृति होती है। इस पर्व को प्रकृति का महापर्व भी कहा जाता है।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

वहीं छठ महापर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन द्वारा भी तैयारी पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के मद्देनजर जिला स्तरीय अधिकारियों, पुलिस फोर्स और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। मेले की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी। साथ ही थाना और कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाये गए है। सभी अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर सतर्कता बरतते हुए कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। आपको बता दें कि छठ का व्रत पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। 17 नवंबर से शुरू हुआ छठ पूजा का समापन 20 नवबंर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं और पुरुष प्रात:काल स्नान आदि कर नए और साफ वस्त्र पहनते हैं। इसके बाद भगवान सूर्य देव के साथ अपने कुलदेवता या कुलदेवी की पूजा करने के बाद सात्विक आहार ग्रहण करते हैं। नहाय खाय के दिन बनने वाले खाने में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

(महराजगंज से विनय कुमार नायक की रिपोर्ट)

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