लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद प्रयागराज की कमिशनरेट पुलिस ने माफियाओं और उनके अपराधी परिवार पर फिर से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रयागराज के पुरामुफ्ती थाने में माफिया अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के दोनो सालों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। पुलिस ने जेल में बन्द सद्दाम और कई मुकदमो के वांछित जैद मास्टर की हिस्ट्रीशीट खोली है। बरेली जेल में बन्द सद्दाम पर प्रयागराज के अलग-अलग थानों के अलावा बरेली में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। अशरफ के बरेली जेल में रहने के दौरान सद्दाम ही वो शख्स था, जो जेल के अंदर से अशरफ के सारे काम को संभाल रहा था।
उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों की मुलाकात भी अशरफ से सद्दाम ने ही कराई थी, जिसका CCTV वीडियो भी सामने आया था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से सद्दाम फरार था, काफी दिन बाद सद्दाम को पुलिस ने दिल्ली से गिराफ्तार किया था। तब से वो बरेली जेल में बन्द है। जेल में रहते हुए भी उस पर कई मुकदमे दर्ज हुए थे। सद्दाम की हिस्ट्रीशीट नम्बर 34-B एलॉट हुआ है।
अशरफ की पत्नी जैनब ने बेची 50 करोड़ की जमीन
अशरफ के बड़े साले मोहम्मद जैद की भी पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोली है। जैद पर सिर्फ प्रयागराज के पुरामुफ्ती थाने में ही कुल 5 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, जबकि एक मुकदमा शाह गंज थाने में दर्ज है। जैद की हिस्ट्रीशीट का नम्बर 35 -B एलॉट हुआ है। मौजूदा समय मे जैद कई मुकदमो में वांछित है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। आरोप है की अशरफ की पत्नी जैनब और उसके भाई सद्दाम व जैद ने अतीक अशरफ के प्रभाव का इस्तेमाल करके पुरामुफ्ती के सलाहपुर में वक्फ की 50 करोड़ को जमीन को टुकड़ो-टुकड़ो में बेच दी और इसी वक्फ की जमीन पर अशराफ की पत्नी जैनब ने अपने लिए आलीशान कोठी बनाई।
हालांकि, मामला खुलने में बाद जैनब सद्दाम जैद सहित कई लोगो पर मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमे जैद सहित सभी आरोपी फरार हैं। जैनब की द्वारा बनवाई गई इस कोठी को पुलिस पहले ही कुर्क कर चुकी है। अब वक्फ की इस प्रॉपर्टी पर किए गए निर्माण पर जल्द ही बुल्डोजर चलना है।
अतीक के दो फ्लैटों को पुलिस करेगी जब्त
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने माफिया अतीक अहमद और उसके IS 227 गैंग के गुर्गों की अवैध और बेनामी सम्पत्तियों को खोज-खोज कर जब्त किया है। अतीक और अशरफ की इन बेनामी सम्पत्तियों को खोजने का सिलसिला जारी भी है। पुलिस को प्रयागराज के लुकर गंज में अतीक के दो फ्लैट का भी पता चला है, जिसे अतीक ने अपने रसूक के बल पर मामूली कीमत में अपने नाम कराया था। पुलिस अब जांच के बाद इन फ्लैटस को भी अटैच करेगी।
पुलिस ने ऐसे लोगों के लिए एक रास्ता भी खोला है की जिसके पास भी अतीक की बेनामी संपत्ति हो वो प्रयागराज कमिशनरेट पुलिस से सम्पर्क करके बेनामी संपत्ति को सरेंडर कर दे। अगर पुलिस ने बेनामी सम्पत्ति खोजी तो उसको रखने वालों पर मुकदमा तो दर्ज होगा ही साथ ही उसे सलाखों के पीछे भी जाना पड़ेगा।
माफियायों की बेमानी संपत्ति खुद लोग भी कर रहे सरेंडर
इस मामले में DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया की कुछ लोग जागरूक होकर माफियाओं की बेनामी संपत्ति खुद भी सरेंडर कर रहे हैं। मजदूर हूब लाल इसका उदाहरण भी है, जिसने माफिया की करोड़ों की सम्पत्ति को छुपाने की बजाए कमिशनरेट कोर्ट में सरेंडर कर दिया। क्योंकि उसको पता था, आज नहीं तो कल कानून के हाथ उस तक जरूर पहुंचते।
चकिया मुहल्ले में अब माफिया का नहीं है जरा सा भी डर
प्रयागराज की कमिशनरेट पुलिस ने शहर में माफिया राज लगभग खत्म ही कर दिया है। जेल में बन्द अतीक के दोनों बेटों की हिस्ट्रीशीट पहले ही खुल्दाबाद थाने में खोली जा चुकी है। अब अतीक के भाई अशरफ के सालों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है, जिससे साफ है की माफिया के करीबी और रिश्तेदारों ने जिस हनक से हराम की दौलत बनाई थी। उसी तरह कानून अपनी हनक से उन लोगों पर शिकंजा भी कसेगा। प्रयागराज के लोग माफियाओ पर हुए इस एक्शन से खुश भी हैं। अतीक के गढ़ रहे, जिस चकिया इलाके में बाहरी लोग जाने से भी बचते थे। आज हालात ये है की देर रात भी चकिया मुहल्ले में रौनक रहती है और व्यापारी बेखौफ होकर देर तक दुकान खोल कर व्यापार करते हैं।