उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की कमिश्नरेट पुलिस ने माफिया अतीक अहमद गैंग पर शिकंजा कसने के बाद अब बाकी गैंग संचालकों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक राजनीतिक सहारा लेकर बचते रहे छोटा राजन गैंग के सदस्य बच्चा पासी पर पुलिस ने रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया है। धूमनगंज थाने में बच्चा पासी सहित चार लोगों पर रंगदारी सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित महिला का आरोप है कि बच्चा पासी और उसके गैंग के लोगों ने मकान बनवाने से पहले पांच लाख रुपये जमा करने को कहा था। उसने 50 हजार दिया भी, लेकिन रंगदारी का बाकी पैसा लेने के लिए उसे डराया-धमकाया जा रहा है। बच्चा पासी दो बार पार्षद रह चुका है। इस बार इसकी बहन पार्षद चुनी गई है।
गैंग में कितने लोग करते हैं काम?
बच्चा पासी के गैंग में 15 से ज्यादा लोग काम करते हैं। प्रयागराज पुलिस ने कई साल पहले बच्चा पासी गैंग को रजिस्टर्ड किया था। पुलिस की फाइल ने नेहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी का गैंग D संख्या- 46 में रजिस्टर्ड है। इसके ऊपर हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, रंगदारी के दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे प्रयागराज के अलग-अलग थानों में दर्ज है और पुलिस ने इसे कई साल पहले माफिया के तौर पर चिन्हित किया था। कानून से बचने के लिए बच्चा पासी पहले मायावती की पार्टी से जुड़ा और पार्षद बना। फिर सत्ता में रही अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के संपर्क में रहा, इससे उसको फायदा भी मिला।
काला घोड़ा शूटआउट में नाम आया
प्रयागराज के धूमनगंज के रम्मन का पुरवा में रहने वाला नेहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी छोटा राजन गैंग का भी सदस्य रह चुका है। छोटा राजन गैंग में इसकी एंट्री मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन जफर सुपारी के भाई यूपी के गैंगस्टर खान मुबारक ने करवाई थी। छोटा राजन गैंग से जुड़ने के बाद मुंबई में काला घोड़ा शूटआउट हुआ था, जिसमें बच्चा पासी का भी नाम आया था। हालांकि, कोर्ट ने उसको इस केस से बरी कर दिया था। इसके अलावा प्रयागराज के कचहरी के सामने डाकघर में डकैती हुई थी, जिसमें दो गार्ड की हत्या की गई थी। उसमें भी बच्चा पासी और उसके करीबी गैंगस्टर राजेश यादव का नाम आया था और दोनों इस केस में जेल भी गए थे।
आलीशान घर को किया गया ध्वस्त
पूर्व की सरकारों ने बच्चा पासी पर ज्यादा शिकंजा नहीं कस पाया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद ऑपरेशन माफिया की जद में बच्चा पासी का भी गैंग आया और पुलिस ने इसके गैंग पर शिकंजा कसना शुरू किया। इसी तहत प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसके आलीशान घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था और इसके मुकदमे की फाइल फिर से खोल दी, लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए बच्चा पासी ने बीजेपी के कुछ विधायकों से संपर्क कर लिया और उनसे नजदीकियां बढ़ा ली। हालांकि, प्रयागराज में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद बच्चा पासी के बुरे दिन फिर से शुरू हो गए।
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