प्रयागराज पुलिस ने एक 11 साल की लड़की को कथित रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में एक दंपति को गिरफ्तार किया है। नेवा पुलिस चौकी प्रभारी प्रीत पांडेय की शिकायत के आधार पर पेशे से शिक्षक अरुण सिन्हा और उनकी पत्नी अंजना के खिलाफ डिजिटल रेप, मारपीट और आईपीसी की अन्य संबंधित धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि मूल रूप से पटना का रहने वाला आरोपी दंपति प्रयागराज के प्रीतम नगर मोहल्ले में एक अपॉर्टमेंट में रहता है।
बच्ची के प्राइवेट पार्ट में मिले थे लकड़ी के टुकड़े
पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला है कि दंपति का कोई बच्चा नहीं था। पिछले ही साल दंपति ने लखनऊ के एक अनाथालय से 10 साल की बच्ची को गोद लिया था। लेकिन उन्होंने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। बच्ची के हाथ में फ्रैक्चर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान डॉक्टरों को न केवल उसके शरीर पर यातना के निशान मिले, बल्कि उसके गुप्तांग से लकड़ी के टुकड़े भी मिले। धूमनगंज के एसएचओ राजेश कुमार मौर्य ने कहा कि आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
चोटें देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए
बताया जा रहा है कि आरोपी महिला ने पहले डॉक्टर सिद्धार्थ पांडे को फोन किया और बताया था कि 11 साल की बच्ची को भाई-बहन के झगड़े में मामूली चोटें आई हैं। अगली सुबह, वह लड़की के साथ अस्पताल गई तो चोटें देखकर डॉक्टर हैरान रह गए। डॉ पांडे ने कहा, एक्स-रे में उसके शरीर पर कई पुरानी और नई चोटें सामने आईं, जिसमें उसके निजी अंग भी शामिल थे। इसके बाद, एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा उसकी जांच की गई, जिसमें उसके निजी अंगों में लकड़ी के टुकड़े पाए गए। लड़की के हाथ में फ्रैक्चर भी थे। चोटों को देखते हुए हमने पुलिस को सूचित किया। बच्ची ने खुलासा किया कि महिला उसे भूखा रखती थी और एक महीने में 14-14 दिनों तक खाना नहीं दिया जाता था।
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