आज अयोध्या में उस स्थान पर बने राम मंदिर में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो गई, जहां उनका जन्म हुआ। इस अनुष्ठान के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री मोदी थे। प्राण प्रतिष्ठा के सारे विधि-विधान पूरे करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर परिसर में कुबेर टीला पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री ने शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा की और जटायु की मूर्ति का अनावरण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में शामिल श्रमिकों पर फूलों की वर्षा भी की।
कुबेर टीला पर स्थित है 'जटायु' की मूर्ति
बता दें कि जटायु रामायण के एक प्रसिद्ध गरुड़ पात्र हैं। जब रावण सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था तो जटायु ने सीता को रावण से छुड़ाने का प्रयत्न किया था। इससे क्रोधित होकर रावण ने उनके पंख काट दिये थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया और मंदिर की परिक्रमा भी की। राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर का भी जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। बाद में प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के परिसर में 'जटायु' की एक मूर्ति का अनावरण किया।
क्या है कुबेर टीला का महत्व
कुबेर टीला का महत्व इतना है कि साल 1902 में राम नगरी में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में जब 148 जगहों की पहचान की गई थी, उनमें इस कुबेर टीला को भी स्थान मिला था। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने भी अयोध्या की संरक्षण लिस्ट के 8 स्थानों में इसे शामिल किया। ब्रिटिश राज में इसी जगह बाबा राम शरण दास और अमीर अली को फांसी दी गई थी।अयोध्या के संत बताते हैं कि कुबेर टीला से भगवान शिव की बारात निकाली जाती थी लेकिन अब यह सिलसिला बंद हो गया।
श्री राम जन्मभूमि परिसर में बने इस कुबेर टीला की ऊंचाई करीब 100 फुट है। यह मिट्टी और पत्थरों से बना हुआ है। यहां कामेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है। ऐसा बताया जाता है कि इस स्थान पर कुबेर जी का आगमन हुआ था। आज कुबेर टीला पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 फुट ऊंची बनाई गई जटायु की प्रतिमा का अनावरण किया।
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