Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. उत्तर प्रदेश
  3. ऐसा होगा काशी में मोक्ष के घाट का नया स्वरूप, मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट का आज पीएम मोदी करेंगे पुनरुद्धार

ऐसा होगा काशी में मोक्ष के घाट का नया स्वरूप, मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट का आज पीएम मोदी करेंगे पुनरुद्धार

पीएम मोदी आज वाराणसी में मोक्ष की नगरी को अलग पहचान दिलाने के लिए इस बार काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट के पुनरोद्धार करने वाली परियोजना का शिलान्यास करने जा रहे हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jul 07, 2023 10:44 IST, Updated : Jul 07, 2023 10:44 IST
Manikarnika Ghat
Image Source : TWITTER काशी के मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट का होगा पुनरुद्धार

वाराणसी: काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे पर आने के दौरान पीएम अपनी काशी को 12 हजार करोड़ की कुल 29 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर बड़ी सौगात देने वाले हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से भी पीएम का ये दौरा अहम माना जा रहा है। पीएम के इस दौरे में सबसे महत्वपूर्ण यह कि आज काशी को मिलने वाली सौगात सिर्फ काशी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के लिए भी संजीवनी साबित होने वाली है। 

मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट का पुनरोद्धार 

पीएम मोदी के पिटारे से अधिकतर परियोजनाओं की सौगात वहां रेलवे से जुड़ी हुई है तो वहीं मोक्ष की नगरी को अलग पहचान दिलाने के लिए पीएम मोदी इस बार काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट के पुनरोद्धार करने वाली परियोजना का शिलान्यास करने जा रहे हैं। दरअसल, काशी में महाश्मशान का अलग महत्व है और पूरी दुनिया के लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार कर उन्हें मोक्ष दिलाने की लालसा से बनारस आते हैं। इसलिए इस परियोजना के पुनरोद्धार में आधुनिकता के साथ ही काशी की धार्मिक मान्यता का खास ख्याल रखा गया है।

मोक्ष घाट का ऐसे बदलेगा स्वरूप
देश के महत्वपूर्ण अंतिम संस्कार के स्थलों में से एक महाश्मशान मणिकर्णिका का एक अलग महत्व है। यहां बड़ी संख्या में लोग अपने स्वजनों के अंतिम संस्कार करने के लिए लगातार आते रहते हैं। यही वजह है कि काशी के दोनो महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर पूर्वांचल सहित बिहार, छत्तीसगढ़ से लोग बड़ी तादात में पहुंचते हैं। इन्ही बिंदुओं को देखते हुए सरकार ने मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट सहित आसपास के हेरिटेज भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास और जीर्णोद्धार कराने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत मणिकर्णिका घाट से तारकेश्वर मंदिर तक की इमारत को नागर शैली में डेवलप किया जाएगा। तारकेश्वर महादेव मंदिर तक तीन मंजिला और तारकेश्वर महादेव से दत्तात्रेय पादुका तक (300 से 400 मीटर) का निर्माण होगा। कुछ ऐसी ही बनावट हरिश्चन्द्र महाश्मशान की भी होगी।

moksha ghat

Image Source : TWITTER
ऐसा होगा काशी में मोक्ष के घाट का नया स्वरूप

35 करोड़ में दोनो घाट का बदलेगा स्वरूप
मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र महाश्मशान के बदले स्वरूप की बात की जाए तो घाट और आसपास के ऐतिहासिक भवनों, मंदिरों का पुनर्विकास मिलाकर मणिकर्णिका घाट के लिए 18 करोड़ की लागत प्रस्तावित है। तो वहीं हरिश्चंद्र महाश्मशान के लिए 16.86 करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है। मणिकर्णिका घाट मर भूतल पर पंजीकरण कार्यालय, खुले में 18 शवदाह के स्टैंड, लकड़ी स्टोरेज सेंटर, 2 वेटिंग एरिया, 2 शौचालय, अपशिष्ट ट्रॉलियों का एरिया, कवर्ड एरिया, मुंडन एरिया, मंदिरों का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार होगा। तो वहीं प्रथम तल पर स्नान के लिए पवित्र कुंड, 18 शवदाह स्टैंड, आगन्तुक प्रतीक्षा क्षेत्र और शौचालय बनवाया जाएगा। वहीं हरिश्चंद्र महाश्मशान सिर्फ भूतल का बनाये जाने की योजना प्रस्तावित है। यहां भी पंजीकरण काउंटर, वेटिंग एरिया, शौचालय, रैंप, कवर्ड, 5 बर्थ का दाह संस्कार एरिया, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, घाटों पर सीढ़ियों के नवनिर्माण और श्मशान आने वालों के लिए सीधी सड़क बनाये जाने का प्रस्ताव है।

कुछ ऐसे दिखेंगे मोक्ष के घाट
काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर लोग सिर्फ शव दाह के लिए ही नहीं बल्कि विश्वभर से पर्यटक इस मोक्ष स्थली को देखने भी आते हैं। भीषण गर्मी, कड़कती ठंड, मूसलादार बारिश और तो और बाढ़ में भी यहां 24 घंटे चिताएं जलती रहती हैं। रोज़ाना करीब 250 से अधिक शवदाह काशी के इस महाश्मशान पर होते हैं। इसके साथ ही लगभग 5,000 से अधिक यहां शवयात्री आते है। यही नहीं महाशिवरात्रि पर भी लगभग एक लाख श्रद्धालु पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत व समापन काशी के इसी पवित्र घाट से करते हैं। योगी सरकार अब इस पूरे क्षेत्र को बृहद् स्तर पर डेवलप करने की तैयारी में जुट गई है, जिसका शिलान्यास आज प्रधानमंत्री के हाथों होने जा रहा है। पीएम के शिलान्यास के पहले सोशल मीडिया पर इन दोनों घाटों के नए मॉडल की तस्वीर भी तेजी से सामने आ रही है।

विश्वनाथ दरबार के करीब मणिकर्णिका घाट 
पुराणों के अनुसार भगवान शिव की नगरी काशी को मोक्ष दायिनी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है। यही नहीं शिवपुराण के अनुसार इसी घाट पर भगवान शिव जीवात्मा को खुद तारक मंत्र देने आते हैं। देश के आइकॉनिक स्थलों में से एक मणिकर्णिका घाट पर शव यात्रियों के लिए आधुनिक सुगम और सुविधानुसार बनाने के लिए सरकार मिशन मोड में जुट गयी है। मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास का काम सीएसआर फंड से होगा। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की ओर से भी इसे लेकर अनुमति मिल चुकी है। इसमें मणिकर्णिका कुंड, रत्नेश्वर महादेव मंदिर आदि का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। वहीं मणिकर्णिका घाट बाबा विश्वनाथ के गंगा द्वार के जाने वाले मार्ग के रास्ते मे पड़ता है। ऐसे में जब से काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण हुआ है, मणिकर्णिका घाट पर मोक्ष का दृश्य देखने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

(रिपोर्ट- अश्वनी त्रिपाठी)

ये भी पढ़ें-

MP: कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में टीचर और चपरासी रात को करते हैं शराब-मुर्गा पार्टी, डीएम ने लिए एक्शन

"मंत्री बनने के इच्छुक अवसर खोने से दुखी, अब उस सूट-बूट का किया जाए", महाराष्ट्र की घटना पर बोले नितिन गडकरी
 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें उत्तर प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement