मुजफ्फरनगर: 22 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है और ऐसे में कांवड़ियों की यात्रा भी शुरू हो जाएगी। कांवड़ यात्रा की तैयारियां सरकार और प्रशासन ने भी जोर-शोर से शुरू कर दी हैं। इस बीच कांवड़ रूट पर दुकानदारों के लिए मुज्जफरनगर प्रशासन ने एक ऐसा फरमान जारी कर दिया है जिसको लेकर घमासान छिड़ गया है। मुजफ्फरनगर में दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी पहचान के साथ दुकानदारी करें, यानी हर दुकानदार को अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड लगाने को कहा गया है। मुजफ्फरनगर कांवड़ रूट पर मुसलमानों की भी बड़ी संख्या में दुकानें हैं, ऐसे में इस फरमान पर सियासत तेज हो गई है।
‘आरोप-प्रत्यारोप को रोकने के लिए जारी हुआ आदेश’
प्रशासन के आदेश का असर भी दिखने लगा है और कई मुस्लिम दुकानदारों ने अपने नाम का बोर्ड अपने ठेले या दुकान पर लगा भी लिया है। प्रशासन का कहना है कि ये फैसला कावड़ियों में किसी भी प्रकार से कंफ्यूजन से बचने के लिए लिया गया है ताकि किसी तरह का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो जाए और कानून-व्यवस्था बनी रहे। प्रशासन का कहना है कि इसी वजह से कांवड़ रूट पर जितनी भी खान-पान की दुकानें हैं, जितने भी होटल, ढाबे या रेहड़ी वाले हैं, उन्हें अपनी दुकान के बाहर अपने नाम का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है।
प्रशासन के फरमान का दिखने लगा है असर
मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा रूट पर लगने वाली रेहड़ी-पटरियों पर पुलिस के आदेश का असर साफ नजर आ रहा है। शहर की रेहड़ी, पटरी, खोखे या फल बेचने वाले लोगों ने अपनी रेहड़ी के ऊपर अपना नाम लिखा हुआ है। इन लोगों को कहना है कि पुलिस ने उन्हें इस बारे में कहा जिसके बाद उन्होंने प्रशासन की बातों पर अमल किया है। चाय वाले, फल वाले और खाने-पीने की ऐसी ही चीजों को बेचने वाले दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों पर बकायदा नाम लिखा हुआ है।
‘कांवड़ियों की भीड़ होगी तो बंद हो जाएंगे नॉन-वेज होटल’
मुजफ्फरनगर के मीनाक्षी चौक पर बड़ी तादाद में नॉन वेज होटल है जहां शहरभर से लोग खाना खाने आते हैं। इसी जगह से कांवड़ यात्रा भी गुजरती है। इसी के मद्देनजर होटल संचालकों को भी पुलिस ने अपने नाम को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। इसका असर दिखाई भी दे रहा है और मीनाक्षी चौक पर मौजूद सभी नॉनवेज होटल के बाहर होटल मालिक के नाम अंकित किए गए हैं। होटल संचालकों का कहना है कि जैसे ही कांवड़ यात्रा में भीड़ होगी, वे अपने नॉन वेज होटल को बंद कर देंगे। ऐसा हर साल होता है लेकिन अभी होटल के बाहर नाम लिखा गया है।
नाम का बोर्ड लगाने वाले दुकानदारों ने क्या कहा?
मुजफ्फरनगर में फलों का ठेला लगाने वाले शावेज ने बताया कि वह पिछले 3 सालों से ठेला लगाता है और पुलिस के आदेश पर उसने नाम की प्लेट लगाई हुई है। शावेज ने कहा कि पुलिस ने उससे अपने नाम की प्लेट ठेले पर लगाने को कहा था। वहीं, 3 दशक से पान की दुकान चलाने वाले जुनैद ने कहा कि प्रशासन के आदेश के मुताबिक उन्होंने अपने नाम का बोर्ड लगाया है। जब जुनैद से पूछा गया कि इसका कुछ फर्क पड़ा है तो उन्होंने कहा कि लोग आकर देखते हैं। उन्होंने कहा कि जब कांवड़िए आएंगे तो वह हिंदू की दुकान से ही लेंगे, वैसे देखते हैं आगे क्या होता है।