अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के दृष्टिगत श्री राम रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बुधवार को सलाह दी कि जिन लोगों के पास प्रोटोकॉल है, उन्हें 22 जनवरी को प्रतिष्ठा समारोह के दिन अयोध्या नहीं आना चाहिए। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल और देशों के राजदूत जैसे संवैधानिक प्रोटोकॉल वाले लोगों को प्रतिष्ठा समारोह के दिन अयोध्या नहीं आना चाहिए, ताकि राम मंदिर समारोह में किसी को किसी प्रकार की असुविधा न हो। राय ने कहा, "हम 22 जनवरी को उनकी सेवा नहीं कर पाएंगे और मुझे लगता है कि यहां का स्थानीय प्रशासन भी उनकी देखभाल नहीं कर पाएगा।"
26 जनवरी-22 फरवरी तक अयोध्या आएंगे लोग
सचिव ने कहा, "अगले साल प्रतिष्ठा समारोह समाप्त होने के बाद 26 जनवरी से 22 फरवरी तक देश के हर प्रांत से लोग अयोध्या आएंगे। जिस दिन किसी भी राज्य के लोग आ रहे हों, उस दिन उस राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को आना चाहिए।" उन्होंने कहा, "अयोध्या आने वाले लोगों को भोजन और आवास तो मिलेगा, लेकिन वह सुविधा होटल जैसी नहीं होगी। श्री राम ने वनवास में कंद-मूल वाले फल खाए थे। हम उनसे बेहतर भोजन देंगे।"
प्राण प्रतिष्ठा के दिन दीपक जलाने की अपील
राय ने कहा कि 5 नवंबर को सभी प्रांतों से विहिप के प्रतिनिधियों को अयोध्या बुलाया गया है। उन्होंने कहा, "प्रत्येक प्रतिनिधि को भगवान राम द्वारा पूजित चावल का 5 किलो का पैकेट दिया जाएगा। प्रांत के प्रतिनिधि अपनी आवश्यकता के अनुसार इसे अक्षत मिलायेंगे तथा अपने मंदिर में पूजा कर उसे जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे। ’’ उन्होंने कहा, "पूजा के चावल में रंगों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा क्योंकि इसमें हल्दी और देसी घी होगा और इसमें टूटे हुए चावल नहीं होंगे।" उन्होंने कहा कि "प्राण प्रतिष्ठा" के दिन, प्रत्येक राम भक्त को शाम को सरसों के तेल के पांच दीपक जलाने चाहिए।
समारोह में 10 हजार अति विशिष्ट आमंत्रित सदस्य होंगे
अयोध्या में राम मंदिर के पहले चरण का कार्य दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने का भरोसा जताते हुए मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने हाल में कहा था कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी और 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे जुड़े समारोह में सम्मिलित होंगे। एक विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव रहे मिश्रा ने राम मंदिर के निर्माण और इस दौरान आई चुनौतियों के साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा समारोह तथा इसकी तैयारियों को लेकर विस्तार से बातचीत की थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य नृपेंद्र मिश्रा ने बताया था कि मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह में लगभग 10 हजार अति विशिष्ट आमंत्रित सदस्य होंगे, जिनमें राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े साधु-संत समाज के लोग और देश-विदेश व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के जाने माने लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा था कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन लगभग सवा लाख दर्शनार्थियों के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है।
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