लखनऊ: यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों का हाल जानने के लिए इंडिया टीवी-CNX ने ओपिनियन पोल किया है। ये ओपिनियन पोल एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों के बीच कराया गया है। यहां हम पूर्वांचल की 29 सीटों के बारे में जानेंगे।
ओपिनियन पोल में किसे कितनी सीटें?
ओपिनियन पोल के मुताबिक, पूर्वांचल की 29 सीटों में NDA को 28 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं INDI गठबंधन को महज एक सीट मिलती दिख रही है। अन्य के लिए कोई गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी जीत सकती है। वहीं मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज में अपना दल जीत सकता है।
पूर्वांचल की 29 सीटों का गणित-
- बलिया- पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की वजह से मशहूर रहा है। यहां सबसे ज़्यादा ब्राह्मण वोटर हैं। यादव और ठाकुर दूसरे नंबर पर आते हैं।
- देवरिया- पूर्वांचल की ब्राह्मण बहुल सीट है, जो इस बार कांग्रेस के हिस्से में आई है।
- आजमगढ़- अखिलेश के M+Y समीकरण का टेस्टिंग ग्राउंड है।
- गोरखपुर- योगी आदित्यनाथ का पावर हाउस है। यहां जातीय समीकरण मायने नहीं रखता। योगी मायने रखते हैं।
- कुशीनगर- भगवान बुद्ध का निर्वाण स्थल है। पूर्वांचल की एक और ब्राह्मण बहुल सीट है।
- गाजीपुर- मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को सपा ने कैंडिडेट बनाया है। NDA से ब्रजेश सिंह के नाम की चर्चा है। उनका नाम ओपी राजभर ने उछाला है। लेकिन अभी ब्रजेश सिंह को टिकट नहीं मिला है।
- जौनपुर- 19 का चुनाव बसपा ने जीता था। लेकिन तब उसका सपा के साथ गठबंधन था।
- मछलीशहर (SC)- बीजेपी ने पिछली बार ये सीट केवल 181 वोट के अंतर से जीती थी।
- चन्दौली- यादव और दलित बहुल सीट है। बीजेपी के महेंद्रनाथ पांडेय ने ये सीट लगातार दो बार जीती है।
- वाराणसी- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट है।
- भदोही- 14 और 19 दो चुनाव बीजेपी जीती है। जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां ओबीसी की मिक्स आबादी है- बींद, मौर्या, यादव, पाल, पटेल। इनके अलावा एक बड़ी आबादी ब्राह्मणों की है।
- मिर्जापुर- अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल यहीं से सांसद हैं। संभव है कि अनुप्रिया फिर यहीं से चुनाव लड़ें। दलित और कुर्मी वोटरों की बहुतायत है।
- राबर्ट्सगंज (SC)- सुरक्षित सीट है। दलित वोटर सबसे ज्यादा हैं। यहां 2 लाख आदिवासी वोटर भी हैं। 2019 में ये सीट अपना दल को मिली थी और फिलहाल यहां से अपना दल के पकौड़ी लाल सांसद हैं।
- बहराइच (SC)- दलित सुरक्षित सीट है, लेकिन सबसे बड़ा वोटर वर्ग मुसलमान हैं।
- कैसरगंज - बाहुबली ठाकुर नेता बृजभूषण शरण सिंह का चुनाव क्षेत्र है। ब्राह्मण, मुस्लिम और ठाकुर बहुल सीट है। बृजभूषण शरण सिंह को लगातार तीसरी बार टिकट मिलने पर सस्पेंस है।
- कौशाम्बी- सुरक्षित सीट है। 14 और 19 में बीजेपी जीती थी। दलित सबसे बड़ा वोट बैंक है।
- फूलपुर - कभी यहां से जवाहर लाल नेहरू सांसद बनते थे। यहां कुर्मी वोटर सबसे ज़्यादा हैं। आपको याद होगा कि यहां से नीतीश कुमार को लड़ाने की बहुत चर्चा थी, लेकिन नीतीश अब वापस NDA के खेमे में आ चुके हैं और बिहार बचाने में लगे हैं।
- प्रयागराज - पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। यहां से हेमवती नंदन बहुगुणा, अमिताभ बच्चन और मुरली मनोहर जोशी सांसद रह चुके हैं। एक वक्त वो भी था, जब यहां से माफिया अतीक अहमद सांसद चुना गया था। अतीक की हत्या के बाद पहली बार प्रयागराज में चुनाव हो रहा है। अभी ये सीट बीजेपी के पास है।
- आंबेडकर नगर- दलित, मुस्लिम और कुर्मी बहुल सीट है।
- श्रावस्ती - 32% से अधिक मुसलमान हैं। बीएसपी ने ये सीट बहुत Close Contest में जीती थी। सिर्फ 5000 वोट के मार्जिन से सीट जीती गई थी।
- गोंडा - ब्राह्मण और मुस्लिम वोटर हैं।
- डुमरियागंज - मुस्लिम और दलित वोटर हैं।
- बस्ती - मिक्स्ड ओबीसी जातियों की बहुलता है।
- संत कबीर नगर - मुस्लिम, निषाद और ब्राह्मण हैं।
- महाराजगंज - कुर्मी, पटेल, चौरसिया, निषाद हैं।
- बांसगांव (SC)- बीजेपी के पास है। ओबीसी और दलित वोटर ज्यादा हैं। ओबीसी में मिक्स्ड ओबीसी हैं। कोई एक जाति प्रधान नहीं है।
- लालगंज (SC)- बसपा के पास है। दलित सुरक्षित सीट है, लेकिन लालगंज में मुसलमानों की बड़ी आबादी है।
- घोसी- बसपा के पास है। यहां राजभर और चौहान वोटर सबसे ज्यादा हैं।
- सलेमपुर - बीजेपी के पास है। सलेमपुर में ब्राह्मण और कुशवाहा वोटर्स की बहुलता है।
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