बलिया (उत्तर प्रदेश): सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने विधानसभा में हुई तीखी नोकझोंक मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिमायत करते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। राजभर ने शनिवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच प्रयागराज में पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के मुख्य गवाह और उसके सुरक्षाकर्मी की गोली मारकर हत्या की घटना को लेकर हुई गर्मागर्मी का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की दलील बिल्कुल सही थी।
उन्होंने कहा "सच्ची बात कड़वी होती है। अतीक अहमद को सपा ने विधायक और सांसद बनाया था। राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के विरुद्ध मुकदमा हुआ था। योगी आदित्यनाथ यही बात तो कह रहे थे।"
'अखिलेश का लक्ष्य सिर्फ सरकार का विरोध करना है'
राजभर ने सपा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ सरकार का विरोध करना रह गया है। उन्होंने यादव को नसीहत देते हुए कहा कि वह सरकार का विरोध नीतियों और विचारों से करें। राजभर ने कहा कि श्रीरामचरितमानस की विवादास्पद चौपायी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सदन में जो व्याख्या पेश की है वह बिल्कुल सही है।
योगी और अखिलेश के बीच हुई थी तीखी बहस
गौरतलब है कि शनिवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके एक सुरक्षाकर्मी की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले के जिम्मेदार बताए जा रहे पूर्व सांसद अतीक अहमद को लेकर सपा पर हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अहमद को सपा ने ही ‘पाला पोसा’ और उसे विधायक तथा सांसद बनाया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस माफिया (अतीक अहमद)को 'मिट्टी' में मिला देंगे। इस पर अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री की भाषा पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद दोनों के बीच काफी तीखी बहस हुई थी। मुख्यमंत्री ने सपा विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा इंगित श्री रामचरितमानस की कथित आपत्तिजनक चौपाई की सदन में व्याख्या भी की थी। साथ ही आरोप लगाया था कि सपा हिंदू धर्म ग्रंथ का विरोध कर करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रही है। राजभर ने दावा किया कि सपा जातिवार जनगणना का मामला जोर-शोर से उठा रही है, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में यह कोई मुद्दा नहीं बनेगा।