गाजीपुर से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां 44 साल से चल रहे एक केस के कारण न्यायालय ने बिजली विभाग का पूरा ऑफिस ही सील करवा दिया है। साथ ही आदेश दिया है कि पीड़ित पक्ष को विभाग 16 लाख से अधिक रुपये भी दे। कोर्ट के आदेश पर भारी फोर्स के साथ कोर्ट अमीन ने मुनादी कराकर बिजली विभाग का ऑफिस सील किया। आइए जानते है आखिर क्या है पूरा मामला...
44 साल पहले बिजली काटी थी
गाजीपुर में बिजली विभाग के एक उपभोक्ता की तीसरी पीढ़ी को कोर्ट से न्याय मिला है। अपर सिविल जज (जूनियर डिविजन) के आदेश से बिजली विभाग के लाल दरवाजा परसपुरा स्थित कार्यालय को आज कोतवाली पुलिस ने सील कर दिया। जानकारी के मुताबिक, सदर कोतवाली क्षेत्र के स्टेशन रोड निवासी बाबूलाल के दुकान परिसर की बिजली 44 साल पहले बिजली विभाग ने काट दिया था। उसमें बाबूलाल की आटा चक्की समेत अन्य कई चीज चलती थी, जबकि कोर्ट ने बिजली नहीं काटने का आदेश जारी कर रखा था बावजूद इसके बिजली विभाग ने बिजली काट दी थी।
कोर्ट ने 16.48 लाख हर्जाने का दिया आदेश
इसके बाद बाबूलाल ने बिजली विभाग की इस मनमानी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया, जिसमें पीड़ित पक्ष को कोर्ट ने न्याय देते हुए बिजली विभाग को 16.48 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश बिजली विभाग को दिया। पर कोर्ट के आदेश के बाद भी बिजली विभाग ने वादी को पैसों का भुगतान नहीं किया। इस पर आज कोर्ट अमीन सदर दिलीप यादव कोतवाली पुलिस के साथ अधीक्षण अभियंता कार्यालय पहुंचे और मुनादी करवा उसे सील करवा दिया। उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आज कार्यालय को कुर्क किया गया है। इस कार्यालय में ही बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के अलावा दो अधिशाषी अभियंता समेत कई अधिकारी बैठते हैं।
आदेश पर कार्यालय को कुर्क किया
मामले में पीड़ित बाबूलाल के पोते गणेश कुमार साहू ने कहा कि साल 1980 से मामला चल रहा था। न्यायालय का बिजली नहीं काटने का आदेश था लेकिन बिजली विभाग ने बिजली काट दी। इस परिसर में आटा चक्की और कोल्हू चलता था जिसकी वजह से काफी नुकसान हुआ उसको लेकर ही कोर्ट ने ये कार्रवाई की है। 1980 से लेकर क्षतिपूर्ति का आदेश कोर्ट ने दिया है जो कि कुल 16.48 लाख रुपये है। विभाग को न्यायालय ने कई बार पैसों के भुगतान का आदेश दिया, लेकिन न्यायालय के आदेश का पालन बिजली विभाग ने नहीं किया इस कारण आज कार्यालय को कुर्क किया गया है।
(इनपुट- शशि कान्त तिवारी)
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