लखनऊ : जल और थल के बाद पर्यटक अब आसमान से भी काशी दर्शन कर सकेंगे। काशी में योगी सरकार की हेली टूरिज्म शुरू करने की योजना है। यह योजना जल्द ही मूर्त रूप लेगी। आसमान से गंगा दर्शन और वाराणसी को देखने का मौका मिलेगा तो वहीं चंदौली में ईको टूरिज्म का भी लुफ्त उठा सकेंगे। यातायात की अच्छी कनेक्टिविटी और श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण के बाद से बनारस में दिनोंदिन पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
काशी में दिनोदिन बढ़ रही पर्यटकों की संख्या
किसी शहर की अर्थव्यवस्था में वहां के पर्यटन उद्योग का बड़ा महत्व होता है। बदलती काशी में अब पर्यटन के मायने भी बदल रहे हैं। काशी आने वाले पर्यटक मंदिरों और घाटों का आनंद लेने आ रहे हैं। आधुनिक क्रूज़ से भी अर्धचंद्रकार गंगा घाट और सदियों से खड़े ऐतिहासिक इमारतों के साथ गंगा दर्शन कर रहे हैं। अब जल्द ही वाराणसी के पर्यटन में हेली टूरिज्म का नया आयाम जुड़ने वाला है।
एक हेलीकॉप्टर में छह लोग कर सकेंगे यात्रा
पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि काशी के मंदिर और गंगा दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर चलाया जायेगा। पर्यटक बनारस से सटे चंदौली के ईको टूरिज्म चंदौली का भी लुफ्त उठा सकेंगे। रावत के मुताबिक हेलीकॉप्टर से करीब 20 से 25 मिनट की राइड होगी। एक हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 6 लोग यात्रा कर सकेंगे।
गंगा के किनारे बसा खूबसूरत शहर
आपको बता दें कि काशी गंगा के किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है। यहां का सबसे प्रमुख मंदिर है काशी विश्वनाथ। इसे देश के महत्वपूर्ण मंदिरों में एक माना जाता है। इस मंदिर की कहानी तीन हजार पांच सौ साल से भी ज्ादा पुरानी है। यह देश 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके दर्शन केरने के लिए हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु यहां आते हैं।
रोजाना बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक
काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा काशी के घाट भी काफी प्रसिद्ध हैं। इन घाटों को देखने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। अस्सी घाट अस्सी और गंगा नदी के संगम पर स्थित हैं। इस घाट का पौराणिक महत्व है। लोग गंगा में सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए इसी घाट पर आते हैं। इसी तरह संकट मोचन मंदिर में भी दर्शन के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं।