
बदायूं (उप्र): बदायूं में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की त्वरित अदालत में जारी ‘नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी’ मामले की सुनवाई बुधवार को वकीलों की हड़ताल के कारण स्थगित कर दी गई। मामले से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी। वकील ने बताया कि मामले में अब अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी। अदालत ने 11 फरवरी को इंतजामिया कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं को तलब किया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। इसके बाद, त्वरित अदालत के न्यायाधीश अमित कुमार ने मुस्लिम पक्ष को अंतिम अवसर देते हुए अगली सुनवाई 19 फरवरी के लिए निर्धारित की। हालांकि, वकीलों की हड़ताल के कारण आज सुनवाई नहीं हो सकी और न्यायाधीश ने अब 10 मार्च की नयी तारीख तय की है।
इस मामले पर बात करते हुए हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विवेक रेन्डर ने कहा, ‘‘वकीलों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण आज सुनवाई नहीं हो सकी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीश अमित कुमार ने अब अगली सुनवाई 10 मार्च के लिए निर्धारित की है। हम दलीलों के लिए पूरी तरह तैयार हैं और मुस्लिम पक्ष द्वारा अपनी दलीलें पेश करने के बाद मुकदमे की कार्यवाही आगे बढ़ेगी।’
मुस्लिम पक्ष का तर्क
मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि मस्जिद में पहले भी कभी पूजा नहीं की गई और वहां पूजा की भी नहीं जा सकती इसलिए पूजा-अर्चना की अनुमति देने का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना है कि इस तरह की याचिका कोर्ट में डालने से पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन होता है।
जानकारी के लिए बता दें कि मामला 2022 में शुरू हुआ था, जब अखिल भारत हिंदू महासभा के तत्कालीन संयोजक मुकेश पटेल ने दावा किया था कि जामा मस्जिद की जगह पर नीलकंठ महादेव का मंदिर था। यह मस्जिद सोथा मोहल्ला नामक एक ऊंचे क्षेत्र में बनी है और इसे बदायूं शहर की सबसे ऊंची संरचना माना जाता है।