अगले कुछ दिनों में हिंदू धर्म का पवित्र महीना सावन शुरू हो जाएगा। 22 जुलाई से सावन के शुरू होते ही शिव भक्त कांवड़ लेकर निकल पड़ेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले दुकानदारों और खाने-पीने के ठेला चलाने वालों के लिए एक आदेश जारी किया है। सीएम योगी ने कहा कि रास्ते में पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों व ठेलों पर मालिक व इसे चलाने वाले का नाम लिखा जाए। इससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। सीएम योगी के इस आदेश पर सियासी घमासान मचा हुआ है। वहीं, अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में इस तरह के निर्देश पहले से ही लागू हैं।
समीक्षा बैठक में लिया गया था ये निर्णय
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह निर्णय 12 जुलाई को कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए हुई बैठक में लिया गया था। यूपी की तरह उत्तराखंड में भी कांवड़ मार्ग पर स्थित होटलों, ढाबों और सड़क किनारे स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम, पते और मोबाइल फोन नंबर प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। उत्तराखंड के इस निर्णय में मुख्य रूप से हरिद्वार को शामिल किया गया है, लेकिन कुछ 'कांवड़िये' 22 जुलाई से 2 अगस्त तक यात्रा के दौरान ऋषिकेश, नीलकंठ और गंगोत्री भी जाते हैं।
ढाबों में मांस, मछली और अंडा प्रतिबंधित
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने कहा कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों का सत्यापन भी अनिवार्य कर दिया गया है। एसएसपी ने कहा कि उन्होंने यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों को रेट लिस्ट और क्यूआर कोड लगाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों, ढाबों और रेस्तरां में मांस, मछली और अंडे की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसी को परिचय देने में नहीं होनी चाहिए समस्या
उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य किसी को निशाना बनाना या परेशानी में डालना नहीं है। धामी ने पूछा कि किसी को अपना परिचय देने में कोई समस्या क्यों होनी चाहिए? सीएम ने कहा कि हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पहले भी आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जब कुछ होटल और ढाबा संचालकों द्वारा अपनी असली पहचान छिपाने पर तनाव पैदा हो गया था। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए लिया गया निर्ण
गढ़वाल के महानिरीक्षक के एस नागनीगल ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि इससे शिव भक्तों को यह चुनने में मदद मिलेगी कि वे कहां खाना चाहते हैं।
पीटीआई के इनपुट के साथ