लंबे इंतजार के बाद भव्य और दिव्य श्री राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है और राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो चुके हैं। इसके बाद लगातार अयोध्या से जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर संदेश दिया जा रहा है। कोई समूह में चलकर तो कोई पैदल नंगे पाव चलकर अपने-अपने तरीके से आराध्य को खुश करने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में मुस्लिम राम भक्तों का एक जत्था अयोध्या पहुंचा और रामलला का दर्शन पूजन किया। उन्होंने भगवान से यह आशीर्वाद मांगा है कि लखनऊ को लखनपुरी के नाम से जाना जाए और वहां पर भगवान लक्ष्मण जी की प्रतिमा भी लगाई जाए।
25 जनवरी को लखनऊ से रवाना हुआ था जत्था
बता दें कि 25 जनवरी को लखनऊ से निकला सैकड़ों मुस्लिम रामभक्तों का जत्था जब 30 जनवरी को रामलला का आशीर्वाद लेने पहुंचा तो हर कोई प्रभु श्री राम के रंग मे रंगा दिखा। लखनऊ से अयोध्या तक मुस्लिम राम भक्त गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। वह सभी एक दिन में 25 किलोमीटर की यात्रा करते रहे। बताते चलें कि लखनऊ से अयोध्या की दूरी करीब 135 किलोमीटर है। इस तरह से उन्हें पैदल चलकर अयोध्या पहुंचने में करीब पांच दिन का समय लगा।
श्री राम को अपना पूर्वज मानते हैं मुस्लिम समाज के लोग
मुस्लिम समाज के लोग भगवान श्री राम को अपना पूर्वज मानते हैं। उन्होंने भगवान राम को अपना नबी बताया और कहा कि आज हम प्रभु श्री राम से यह कामना करेंगे कि लखनऊ का नाम लखनपुरी किया जाए और लक्ष्मण जी की प्रतिमा लगाई जाए। उन्होंने कहा, भगवान श्री राम क्षत्रिय थे। हिंदू और मुस्लिम का गोत्र एक ही है। भगवान श्री राम हमारे पूर्वज हैं और हम उनके वंशज हैं। हमारा धर्म सनातन है भगवान श्री राम को लेकर के हमारे मन में बहुत ही प्रेम है और उत्साह भी है।
'श्री राम के नाम में पहले से जुड़ा है म शब्द'
एक और मुस्लिम भक्त ने कहा, प्रभु श्री राम के नाम में म शब्द पहले से ही जुड़ा है, मुसलमान तो पहले से ही समाहित है। प्रभु श्री राम का पूरा जीवन न्याय और तपस्या पर आधारित है। हिंदू और मुस्लिम सभी के लिए राम है राम पहले भी थे और आज भी हैं। मुस्लिम महिला ने यह भी कहा कि ज्ञानवापी में भी भगवान भोलेनाथ का मंदिर बनना चाहिए।
(रिपोर्ट- अरविंद गुप्ता)
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