लखनऊ: यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को आज गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या के प्रयास की साजिश में दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। इस मामले में 6 मई को ही बहस पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसले सुनाने के लिए 17 मई की तारीख निर्धारित की थी और आज कोर्ट ने मुख्तार को इस मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया। अव सवाल ये भी है कि क्या अब मुख्तार जेल से बाहर आ सकेगा?
2009 में मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था केस
बता दें कि वर्ष 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना में मुख्तार अंसारी को साजिशकर्ता मानते हुए उनपर धारा 120बी का केस दर्ज किया था। तब अंसारी जेल में बंद था। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपित सोनू यादव कोर्ट से बरी हो गया था, जबकि मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था।
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क्या जेल से बाहर आ जाएगा मुख्तार अंसारी?
वहीं, जहां तक सवाल है मुख्तार अंसारी के जेल से बाहर आने का, तो आपको बता दें कि हत्या की कोशिश मामले में निर्दोष साबित होने बाद भी मुख्तार का फिलहाल जेल से बाहर आना संभव नहीं है। इसकी वजह से है कि मुख्तार पर गैंगस्टर के एक और मामले में भी एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। मुख्तार ने कोर्ट में अपना पक्ष रख दिया है, जिसके बाद इस केस में अगली तारीख 20 मई निर्धारित की गई है। इसके साथ ही पिछले दिनों मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के एक और मामले में 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है जिसमें कोर्ट ने उस पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया था। जाहिर है कि ऐसे में मुख्तार अंसारी का जेल से बाहर आना मुमकिन नहीं है।