कांवड़ यात्रा पर अपने रुख से मुख्तार अब्बास नकवी पलट गए हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि यूपी सरकार के सीमित आदेश से कंफ्यूजन था पर आज यूपी सरकार का विस्तार से आदेश से भ्रम दूर हो गया है। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह का कम्यूनल कलर चढ़ाने की जरूरत नहीं है। बता दें कि योगी सरकार ने आज सभी रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को आदेश दिया है कि पूरे राज्य में कांवड़ रूट पर दुकानदारों को खाने की दुकान पर नेमप्लेट लगाना होगा। इसी पर कल बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सवाल उठाया था।
'प्रशासन के फैसले से थी कंफ्यूजन'
बीजेपी नेता नकवी ने कहा कि कल मुजफ्फरनगर प्रशासन के फैसले ने कंफ्यूजन क्रिएट की थी लेकिन आज राज्य सरकार के फैसले ने उसको क्लियर किया है। अब किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं रही है। योगी सरकार के फैसले में सबके लिए कहा गया है कि नाम लिखिए। ये कांवड़ यात्रियों की आस्था का सवाल है। इसमें हिंदू और मुसलमान कहां से आ गया, ये फैसला सभी के लिए है इसलिए किसी को इस पर ऐतराज नहीं होना चाहिए। इस मामले पर किसी तरह का कम्यूनल कलर चढ़ाने की जरूरत नहीं है।
क्या कहा था नकवी ने?
गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा पर यूपी सरकार के आदेश का विपक्ष सवाल विरोध कर रहा है, लेकिन बीते दिन बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सवाल उठाया था। नकवी ने कहा कि आस्था के नाम पर अनटचबिलिटी यानी छुआछूत को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। इस पर अब नकवी ने अपना रुख बदल लिया है।
CM योगी ने क्या दिए हैं आदेश?
बता दें कि आज सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि सभी कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों के सामने दुकानदारों को अपना नाम और अपनी पहचान बतानी होगी यानी दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखना हो। ऐसा कांवड़ियों की आस्था और शुचिता को बनाए रखने के लिए किया गया है। साथ ही यूपी सरकार ने सख्त चेतावनी भी दी है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर गंभीरता से कार्रवाई होगी। जानकारी दे दें कि सावन माह की शुरुआत आने वाली 22 जुलाई से हो रही है और ऐसे में कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी।
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