इस वक्त पूरे देश में राम नाम की गूंज है। देश के कोने से कोने भगवान राम की अनोखे ढंग से भक्ति करने वालों की लगातार खबरें आ रही हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में एक ऐसा रामभक्त मिला जो अपने आप में धर्मनिर्पेक्ष भारत की तस्वीर है। दरअसल, मिर्ज़ापुर पहाड़ी ब्लॉक के धर्मदेवा गांव में 64 साल के मोहम्मद इस्लाम रहते हैं। ये पिछले 45 सालों से रामचरितमानस और रामायण का पाठ करते आ रहे हैं। मोहम्मद इस्लाम पाठ करने के लिए जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों में तो जाते ही हैं। इसके अलावा इन्हें दिल्ली, मुंबई, मध्य प्रदेश, बिहार सहित कई प्रदेशों से भी रामायण पाठ करने के लिए बुलावा आता है।
19 साल की उम्र से सुनने जाते थे रामायण पाठ
मोहम्मद इस्लाम पांच साल पहले अयोध्या में टाट में स्थापित रामलला का दर्शन करने गए थे। मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि राम मंदिर को बहुत पहले बन जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद वे रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएंगे। मोहम्मद इस्लाम ने बताया कि वे पिता के साथ सिलाई का काम करते थे। 19 वर्ष की उम्र में वे गांव में होने वाले रामायण पाठ और सुंदरकांड सुनने जाते थे। इसके बाद वे रामचरित मानस का पाठ करने लगे और पाठ करना उन्हें अच्छा लगने लगा।
पांच वक्त की नमाज भी पढ़ते हैं मोहम्मद
मोहम्मद इस्लाम व्यास गद्दी से रामायण का पाठ करते हैं। उन्होंने बताया कि वे जब घर पर रहते हैं तो पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। रामचरित मानस का पाठ करने जाते है। राम की महिमा गाकर वे ईश्वर की इबादत करते हैं, क्योंकि इंसान को बनाने वाला एक ही है। लोग अलग-अलग रूप में मानते हैं। रामचरित मानस का पाठ करने में आज तक उनको किसी ने नहीं टोका, बल्कि हमेशा उत्साहित ही किया है।
(रिपोर्ट- मेराज़ खान)
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