गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस में एक किसान अपनी भूमि की पैमाइश कराने के लिए अपने हाथ की नस काट कर खून से सने हुए एप्लिकेशन लेकर पहुंचा। खून से लिखे पत्र देखकर तहसील में हड़कंप मच गई। जिसके बाद आनन-फानन में किसान को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, तबीयत बिगड़ने पर मेरठ रेफर किया गया जहां उसकी मौत हो गई।
बार-बार चक्कर काटने के बाद भी नहीं हो रहा था समाधान
जानकारी के अनुसार, डिडौली गांव के निवासी सुशील त्यागी की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया, जिसकी पैमाइश कराने के लिए लंबे समय से अधिकारियों के चक्कर काट रहा था। अधिकारी उसे बहाना बनाकर अगली तारीख दे रहे थे, जिससे परेशान होकर किसान अपने हाथ की नस काटकार सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचा। अब इस घटना की जांच ADM को सौंपी गई है।
अधिकारियों को पत्र सौंपा तो वे किसान पर ही भड़क गए
खून से लिखे पत्र को उसने लव लेटर बताते हुए योगी और मोदी को भेजने की बात कही जब उससे पूछा गया की ये खून कैसे निकला तो उसने बताया मैंने खुद को जख्मी किया है और अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वो आज आत्म हत्या कर लेगा। जिसके बाद पूरे तहसील में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के मुताबिक जब ये खून से रंगे प्रार्थना पत्र को अधिकारियों को सौंपा तो अधिकारी किसान पर सुशील त्यागी पर ही भड़क गए। जिसके बाद किसान सुशील त्यागी तहसील दिवस से बाहर आया तो उसकी तबीयत बिगड गई। आनन-फानन में उसे नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी हालत और अधिक बिगड़ता देख उसे मेरठ मेडिकल के लिए रेफर कर दिया जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मालूम होगी - ADM
घटना की सूचना मिलने पर एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। ऋतु सुहास ने बताया किसान उपचार के दौरान मौत हो गई है लेकिन मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगी। उन्होंने बताया कि डिडौली निवासी सुशील त्यागी ने अपनी जमीन की पैमाइश के लिए पहले भी शिकायत दी थी इनके शिकायत पोर्टल पर भी उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि सुशील त्यागी की शिकायत है कि उनकी जमीन पर कब्जा होने की वजह से जमीन का रकबा पूरा नहीं है और इसीलिए वह अपनी जमीन की पैमाइश कराने की दरखास्त दे रहे थे। सुशील त्यागी के द्वारा यह कहना कि दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा किया है। इसे डीएम ने इनकार किया है लेकिन जमीन की पैमाइश अभी तक क्यों नहीं हो पाई इसका जवाब प्रशासन के पास नहीं है।