मेरठ के थाना दौराला क्षेत्र के मटौर में एक मुस्लिम शख्स ओम शिव शनि मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था। स्थानीय लोगों को जब उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगी तो उसको पकड़ कर पूछताछ की गई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह मूलरूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और उसका नाम गुल्लू खान है। साधु का वेश धारण करने के बाद उसने अपना नाम गुल्लू राम रख लिया था। लगभग 6 माह से वह मटौर के ओम शिव शनि मंदिर में पुजारी बनकर सेवा दे रहा था। पुलिस ने गुल्लू खान को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। वहीं, उसके पुलिस अब उसके पूर्व के आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है।
ऐसे सामने आया सच
बता दें कि दौराला के रहने वाले हिन्दू सभा के जिलाध्यक्ष पुरूषोत्तम उपाध्यय को मुजफ्फरनगर से पता चला कि ओम शिव मंदिर में रहने वाला साधु गुर्जरनाथ महाराज हिन्दू नहीं है। पहले उनको विश्वास नहीं हुआ लेकिन मुस्लिम नाम सुनकर उनके कान खड़े हो गए। इसके बाद गांव के लोगों के साथ मिलकर उन्होंने सच जानने की रणनीति तैयार की। वह गांव के चार-पांच लोगों के साथ मिलकर पुजारी गुल्लू राम के पास पहुंचे और बोले कि एक अनुष्ठान करवाना है जिसके लिए कुछ पंडितों की आवश्यकता है। गुल्लू यह सुनकर बगलें झांकने लगा। उन्होंने फिर मंदिर में आरती करने और मंत्र सुनाने के लिए कहा। गुल्लू ना आरती कर पाया और ना मंत्रोच्चार।
गांव के लोगों ने तहकीकात की तो पता चला कि उसका खतना हुआ था। इसके बाद सारा सच सामने आ गया। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
आधार कार्ड पर पिता का नाम है इस्माइल
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह मूलरूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। मेरठ आने से पहले वह पानीपत में भी रहा है। गुल्लू खान के आधार कार्ड पर उसके पिता का नाम इस्माइल है। पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने की धारा419, 295-ए में खुद मुकदमा दर्ज किया है। उससे प्रराम्भिक पूछताछ करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है। गुल्लू का धर्म और वेश बदलकर रहने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई है और उसकी जांच पड़ताल में जुट गई है। वहीं लोगों का कहना है कि इसके पास चार मोबाइल फोन थे जिसमें से दो बंद है और दो चालू है। उन्होंने कहा कि इसकी सघनता से जांच होनी चाहिए।
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पुलिस पूछताछ में गुल्लू ने यह भी बताया कि उसके पास रहने की जगह नहीं थी। मंदिर में साफ-सफाई करने के बहाने नाम और भेष बदलकर लोगों को चकमा देकर रहने लगा लेकिन उसका राज ज्यादा दिन छुप ना सका। फिलहाल एल आई यू समेत अन्य जांच एजेंसियां गुल्लू के पूर्व रिकॉर्ड को खोजने में जुटी हैं।
(रिपोर्ट- हिमा अग्रवाल)