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"बसपा समान नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं" AAP के बाद अब मायावती ने भी UCC को दिया समर्थन

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jul 02, 2023 11:52 IST, Updated : Jul 02, 2023 12:06 IST
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Image Source : PTI बहुजान समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती

समान नागरिक संहिता पर अब धीरे-धीरे कई विपक्षी पार्टियां देर सेवर अपना समर्थन देने की ओर बढ़ रही हैं। पहले आम आदमी पार्टी और अब बसपा ने भी यूसीसी को अपना सपोर्ट देने के लिए कहा है। बीएसपी की ओर से खुद पार्टी की सुप्रीमो मायावती मीडिया के सामने आईं और कहा कि हमारी पार्टी (BSP) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है।

"हम UCC के खिलाफ नहीं लेकिन..."

समान नागरिक संहिता पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा, "हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और जबरदस्ती यूसीसी को देश में लागू करना ठीक नहीं है।"

"इससे देश कमजूर नहीं, मजबूत होगा" 
मायावती ने कहा कि इस विशाल आबादी वाले भारत देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और बौध आदि विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। जिनके हर मामले में, रहन-सहन और जीवन शैली आदि के अपने अलग-अलग तौर तरीके, नियम और रस्मो रिवाज हैं, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ ये बात भी सोचने वाली है कि यदि यहां सभी धर्मों को मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा।    

संविधान की धारा 44 में यूसीसी का जिक्र
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इससे लोगों में आपसी संप्रदायिक, सद्भाव और भाईचारा पैदा होगा। इस बात को ध्यान में रखकर ही भारतीय संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता यानी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को बनाने की बात कही गई है। लेकिन इसे जबरन थोपने का प्रविधान बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के संविधान में निहित नहीं है और इसके लिए जागरुकता और आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है।

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