बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने खुद से पार्टी की सभी जिम्मेदारियां वापस लिए जाने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए मामले पर प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के बीच मायावती ने बड़ा फैसला लेते हुए आकाश आनंद को सभी पदों से हटाने का फरमान जारी किया था। इस फैसले के बाद आकाश अब मायावती के उत्तराधिकारी भी नहीं रहे।
'मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा'
आकाश ने गत मंगलवार को पार्टी प्रमुख मायावती द्वारा सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किए जाने के 2 दिन बाद सोशल मीडिया मंच X पर कहा, "आदरणीय बहन मायावती जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनीतिक ताकत मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है।" उन्होंने इसी संदेश में आगे कहा, "आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे। भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा। जय भीम, जय भारत।"
पिछले साल घोषित किया था उत्तराधिकारी, अब कतरे पर
गौरतलब है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने आनंद को मंगलवार रात पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद से हटाते हुए उन्हें पार्टी में दी गई सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। उनकी सभी चुनावी रैलियां भी रद्द कर दी गई थीं। मायावती ने कहा कि पार्टी और आंदोलन के हित में और आनन्द के "पूर्ण परिपक्वता" हासिल करने तक उन्होंने यह निर्णय लिया है। बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष दिसंबर में आकाश आनन्द को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
बेहद आक्रामक भाषा बनी वजह?
आकाश आनंद के खिलाफ हाल ही में सीतापुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। 28 साल के आकाश आनंद ने सीतापुर में अपने भाषण में बीजेपी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ''यह सरकार बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है। जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ती है और बुजुर्गों को गुलाम बनाती है वह आतंकवादी सरकार है।'' रैली के तुरंत बाद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में आकाश आनंद और 4 अन्य के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद बीएसपी ने बिना कोई कारण बताए पिछले दिनों आकाश आनंद की सभी प्रस्तावित रैलियों को स्थगित कर दिया था।
पुलिस के मुताबिक, जिला प्रशासन द्वारा दिन की शुरुआत में रैली में आनन्द के भाषण का स्वत: संज्ञान लेने के बाद यह कार्रवाई की गई।
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