
अभी रमजान का महीना चल रहा है और इसके बाद ईद मनाई जाएगी। इसके मद्देनजर बीजेपी ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए "सौगात ए मोदी" कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के मौके पर "सौगात ए मोदी" दी जा रही है, जिसमें खाने-पीने की चीजें और कपड़े हैं। बीजेपी के इस कार्यक्रम पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया आई है।
मायावती का बयान
मायावती ने कहा कि ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे, और ईस्टर जैसे त्योहारों के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों तक "सौगात-ए-मोदी" के रूप में भेंट भेजने की बात कही गई है, जो सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की इस घोषणा का असल मकसद सिर्फ चुनावी लाभ लेना है।
"सौगात-ए-मोदी" पर सवाल
उन्होंने यह भी कहा कि जब मुस्लिम और बहुजन समाज के लोग अपनी जान-माल, मजहब और सुरक्षा को लेकर परेशान हैं, तो उनके लिए "सौगात-ए-मोदी" किस काम की? मायावती का मानना है कि इस तरह के तोहफे केवल राजनीतिक फायदे के लिए दिए जा रहे हैं, जबकि समाज के इन वर्गों की असली समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि गरीब और अल्पसंख्यक परिवारों को त्योहारों के मौके पर भेंट भेजी जाए, इसके बजाय बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारें उन परिवारों की वास्तविक समस्याओं जैसे गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था करें। साथ ही, उन्होंने मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही।
"सौगात-ए-मोदी" किट में क्या-क्या है?
"सौगात-ए-मोदी" के तहत केंद्र सरकार की पहल है कि ईद के मौके पर सभी के घरों में जश्न मने। "सौगात-ए-मोदी" किट के जरिए गरीब मुसलमानों को जरूरी सामान मुहैया कराया जा रहा है। किट में सेवइयां, आटा, खजूर, ड्राई फ्रूट्स और चीनी जैसे खाने के सामान के साथ कपड़े भी हैं।
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