बहुजन समाज पार्टी की कमान अगले 5 सालों के लिए फिर से मायावती के हाथों में ही रहेगी। लखनऊ स्थित कार्यालय पर आज देश भर के पार्टी पदाधिकारी जुटे, जिसके बाद अगले 5 सालों के लिए बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष चुनने के लिए बसपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। जहां मायावती को पार्टी का एक बार फिर से राष्ट्राध्यक्ष चुन लिया गया।
2003 से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं मायावती
बता दें कि बहन मायावती 2003 से ही पार्टी की अध्यक्ष रही हैं। पिछले 21 सालों में एक बार भी मायावती के अलावा किसी और को पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनाया गया। बैठक से पहले चर्चा थी कि उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद का कद बढ़ाया जा सकता है, कुछ लोग तो उम्मीद जता रहे थे कि मायावती राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी आकाश को सौंप सकती हैं। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। हालांकि मायावती तो कई सालों से पार्टी की अध्यक्ष रही हैं लेकिन इस समय उनकी पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस बार मायावती की राजनीति चमकेगी या फिर पार्टी की वहीं चाल रहेगी।
सन्यास की खबरों पर लगा विराम
BSP के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने अध्यक्ष पद के लिए मायावती के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिस पर पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं समेत कार्यकारिणी दल के नेताओं ने भी उनके नाम पर सहमति जताते हुए मामले को आगे बढ़ाया। इससे पहले राजनीति की गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती अब राजनीति से सन्यास ले लेंगी। रिटायरमेंट को लेकर चल रही खबरों पर विराम लगाते हुए मायावती ने कहा कि सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई मन नहीं है। यह सवाल पैदा ही नहीं होता।
आकाश आनंद होंगे पार्टी के कोऑर्डिनेटर और मायावती के उत्तराधिकारी
अब बात कर लेते हैं उनके भतीजे आकाश आनन्द की। पार्टी ने हमेशा से ही आकाश आनंद को मायावती के ना रहने पर बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है। इस बार फिर से आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए पार्टी का कोऑर्डिनेटर और मायावती का उत्तराधिकारी बनाया गया है। आकाश आनंद के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है। राजनीति में अपने आप को साबित करने के लिए उनके पास अच्छा मौका है।
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