यूपी में होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में अब बहुजन समाज पार्टी भी जुट चुकी है। दरअसल यूपी की 10 विधानसभा पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर मायावती ने तैयारियां शुरू कर दी है। मायावती ने रविवार को लखनऊ में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में उपचुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों और चुनाव में बसपा की रणनीति पर बात होगी। यूपी में मायावती और उनकी पार्टी पिछले कुछ वक्त से मुश्किल दौर से गुजर रही है। लोकसभा में बसपा का एक भी सांसद नहीं है। पिछले 10 साल में यह दूसरी बार हुआ है कि लोकसभा में मायावती का एक भी सांसद नहीं पहुंच सका है।
यूपी के उपचुनाव में मायावती ने ठोकी ताल
लोकसभा चुनाव 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका था। मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, यूपी में 2007 में बहुमत की सरकार बना चुकी है। लेकिन अब विधानसभा मे बीएसपी का सिर्फ एक विधायक है। कभी मायावती दलितों की सबसे बड़ी नेता मानी जाती थीं। लेकिन दलित वोट काफी बड़ी तादाद में उनसे दूर जा रहा है। लोकसभा चुनाव में यूपी में बसपा का वोट शेयर घटकर 9.38 फीसदी रह गया है। मुस्लिम वोट भी अब मायावती के साथ नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा को 44 फीसदी जाटव वोट और 15 फीसदी गैर जाटव वोट मिला।
मायावती से दलितों की दूरी
मायावती ने 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ लड़ा और बसपा के दस सांसद बने और मायावती को 75 फीसदी जाटव और 42 फीसदी गैर जाटव वोट मिला। 2014 में मायावती को 68 फीसदी जाटव और 30 फीसदी नॉन जाटव वोट मिला था। विधानसभा चुनाव में भी जहां 2007 में मायावती को 16 फीसदी दलित वोट मिला था, वो 2022 के विधान सभा मे घटकर 9.96 फीसदी रह गया। ऐसे में मायावती के लिए दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव काफी मायने रखते हैं। हालांकि जिन दस सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं, उनमें से एक भी सीट 2022 के विधान सभा चुनाव में बसपा नहीं जीती थी।