बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनका फैसला अटल है, इसलिए लोग अफवाहों से सावधान रहें। बसपा सुप्रीमो ने किसी गठबंधन में शामिल होने की खबरों पर विराम लगाते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा की उनकी पार्टी अपने बलबूते पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी।
"बीएसपी को अपने लोगों का हित सर्वोपरि"
मायावती ने कहा, "आगामी लोकसभा आम चुनाव बीएसपी द्वारा किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करने की बार-बार स्पष्ट घोषणा के बावजूद आए दिन गठबंधन संबंधी अफवाह फैलाना यह साबित करता है कि बीएसपी के बिना कुछ पार्टियों की यहां सही से दाल गलने वाली नहीं है, जबकि बीएसपी को अपने लोगों का हित सर्वोपरि है।" उन्होंने कहा, "अतः सर्वसमाज के खासकर गरीबों, शोषितों एवं उपेक्षितों के हित व कल्याण के मद्देनजर बीएसपी का देश भर में अपने लोगों के तन, मन, धन के सहारे अकेले अपने बलबूते पर लोकसभा आम चुनाव लड़ने का फैसला अटल है। लोग अफवाहों से जरूर सावधान रहें।"
कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग
बीते दिनों मायावती ने कांशीराम को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग को दोहराई थी। भारत रत्न से सम्मानित हस्तियों को शुभकामनाएं देते हुए और सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा था, ''वर्तमान बीजेपी सरकार ने जिन भी हस्तियों को भारतरत्न से सम्मानित किया है, उनके फैसले का स्वागत है, लेकिन इस मामले में खासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार और उपेक्षा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। सरकार इस ओर भी जरूर ध्यान दे।'' उन्होंने कहा, ''बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को लंबे इंतजार के बाद वी. पी. सिंह की सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उसके बाद दलित व उपेक्षितों के हितों में मसीहा कांशीराम जी का संघर्ष भी कोई कम नहीं है। उन्हें भी भारतरत्न से सम्मानित किया जाए।''
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