लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने शुक्रवार को सेंगोल मामले में समाजवादी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने उसके सभी हथकण्डों से सावधान रहने की सलाह दी। बसपा मुखिया मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं लगाना, इस पर बोलने की बजाय सपा के लिए बेहतर होता कि वह देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को लेकर केन्द्र सरकार को घेरती। सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरुद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरुषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकण्डों से सावधान रहें।
सपा ने सेंगोल को लेकर क्या कहा था?
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी ने संसद भवन में सेंगोल को हटाकर उसके स्थान पर संविधान रखने की मांग की है। समाजवादी पार्टी के सांसद आर.के. चौधरी ने एक चिट्ठी लिखकर संसद भवन से सेंगोल को हटाने की मांग की है। आर.के. चौधरी ने कहा, "संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद में सेंगोल स्थापित किया। 'सेंगोल' का अर्थ है 'राज-दंड' या 'राजा का डंडा'। रियासती व्यवस्था खत्म होने के बाद देश आजाद हुआ। क्या देश 'राजा के डंडे' से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए।"
सपा को मिला कांग्रेस का समर्थन
कांग्रेस पार्टी ने सेंगोल मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है. पार्टी ने कहा है कि सेंगोल पर सपा की मांग गलत नहीं है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने अपनी मर्जी से सेंगोल लगा दिया। सपा की मांग गलत नहीं है। सदन तो सबको साथ लेकर चलती है लेकिन बीजेपी सिर्फ मनमानी करती है।
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